नगर निकायों में पदों और वार्डों के आरक्षण का निर्धारण होने के साथ ही शहरी क्षेत्रों में सर्द मौसम में निकाय चुनाव की गर्माहट घुलने लगी है।

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इन दिनों आरक्षण को लेकर आपत्तियां व दावे दर्ज कराने का दौर चल रहा है तो प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा एवं कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन के दृष्टिगत कसरत शुरू कर दी है। अगले सप्ताह चुनाव कार्यक्रम की घोषणा संभावित है। 102 में से सौ निकायों में चुनाव अगले साल 15 जनवरी के आसपास हो सकते हैं। इस परिदृश्य के बीच शहरों में राजनीतिक पारा चरम पर रहेगा।

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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर

शहरों में राजनीतिक पारा चरम पर

नगर निकायों का कार्यकाल पिछले वर्ष नवंबर में समाप्त होने के बाद जब चुनाव की स्थिति नहीं बन पाई तो इनमें प्रशासक नियुक्त कर दिए गए। इससे तब निकाय चुनाव लडऩे के इच्छुक नेताओं को मन मसोसकर रहना पड़ा। सालभर की प्रतीक्षा के बाद अब जबकि निकाय चुनाव होने जा रहे हैं तो शहरों के वातावरण में इसकी गर्माहट भी दिखने लगी है।

विशेषकर नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका परिषदों में अध्यक्ष पद की कुर्सी का टिकट पाने के लिए भाजपा व कांग्रेस, दोनों ही दलों में दावेदारों की लंबी चौड़ी फौज है। सभी येन-केन-प्रकारेण टिकट पाने के लिए जी-तोड़ प्रयासों में जुटे हैं।

दावेदारों की इस कसरत के बीच भाजपा व कांग्रेस, दोनों दलों की ओर से प्रत्याशी चयन के दृष्टिगत पैनल तैयार करने के लिए जिलों में भेजे गए पर्यवेक्षकों ने दावेदारों की धड़कनें भी बढ़ा दी हैं। यही नहीं, इन दिनों निकाय चुनाव के लिए निर्धारित पदों व वार्डों के आरक्षण को लेकर दावे व आपत्तियां प्राप्त की जा रही हैं।

इसमें भी तमाम दावेदार शहरी विकास विभाग के पास तो दावे, आपत्तियां दर्ज करा ही रहे हैं, अपने-अपने पार्टी फोरम में अपने तर्क प्रमुखता से रख रहे हैं। इसमें कितनी सफलता मिलती है, यह तो समय के गर्त में छिपा है, लेकिन प्रत्याशी चयन होने तक गहमागहमी तो रहेगी। यद्यपि, चुनाव का कार्यक्रम तय होने के बाद सभी दल और प्रत्याशी चुनाव मैदान में जुटेंगे। इसके लिए वे अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे चुके हैं। प्रतीक्षा है तो केवल चुनाव कार्यक्रम घोषित होने की।

राहत के साथ ही निगरानी तंत्र भी

निकाय चुनाव के लिए इस बार कुछ नए प्रविधान भी किए गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के लिए खर्च सीमा बढ़ाई है तो खर्च पर कड़ी निगरानी के लिए प्रभावी तंत्र भी बनाया है। यही नहीं, सरकार ने चुनाव लडऩे के इच्छुक उन व्यक्तियों को राहत दी है, जिनकी पहली जीवित संतान के बाद दूसरा बच्चा जुड़वा है। इसे एक इकाई माना जाएगा।

इन निकायों में होना है चुनाव

  • निकाय, संख्या
  • नगर निगम, 11
  • नगर पालिका परिषद, 43
  • नगर पंचायत, 46

जिलेवार निकायों में मतदाता

  • जिला, निकायों की संख्या, मतदाता
  • ऊधम सिंह नगर, 18, 613886
  • हरिद्वार, 14, 591328
  • टिहरी, 11, 82913
  • चमोली, 10, 53338
  • देहरादून, 07, 992329
  • नैनीताल, 07, 340617
  • पौड़ी, 07, 172890
  • पिथौरागढ़, 06, 60694
  • रुदप्रयाग, 05, 18130
  • उत्तरकाशी, 05, 46778
  • अल्मोड़ा, 05, 36879
  • चंपावत, 04, 33230
  • बागेश्वर, 03, 25287

एक नजर

  • 30,58,299 हैं नगर निकायों में कुल मतदाता
  • 1577228 पुरुष मतदाताओं की संख्या
  • 1480528 हैं महिला मतदाता
  • 1309 हैं निकायों में कुल वार्डों की संख्या
  • 1547 हैं निकायों में मतदान केंद्र
  • 3458 कुल पोलिंग बूथ की संख्या

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