आ होंगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी खौफनाक दास्तान सुनाने जा रहे हैं जो शायद ही आपने पहले सुनी होगी। यह कहानी है एक विचित्र डॉक्टर की, जिसने एक मृत महिला को अपनी ‘दुल्हन’ बना लिया। यह कहानी है कार्ल टेंजलर की, जिसे ‘डॉ. डेथ’ के नाम से भी जाना जाता है।

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यह कहानी है कार्ल टेंजलर की, जिसे ‘डॉ. डेथ’ के नाम से भी जाना जाता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अजीब वैज्ञानिक ने फ्लोरिडा में एक महिला की लाश को कब्र से चुराया और उसे पुनर्जीवित करने के लिए अजीब प्रयोग किए। उसने महिला की आंखों में कांच और चेहरे पर प्लास्टिक का उपयोग किया। वह सात साल तक अपनी ‘दुल्हन’ के साथ रहा, जब तक कि उसके परिवार और पुलिस को उसके कृत्यों का पता नहीं चला।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

डॉ. डेथ का जन्म लगभग 146 साल पहले हुआ था, लेकिन उनकी घिनौनी हरकतें आज भी उतनी ही भयावह लगती हैं। टेंजलर का जन्म 8 अप्रैल 1877 को जर्मनी के ड्रेसडन में हुआ। उन्होंने जर्मनी में चिकित्सा की पढ़ाई की और 1926 में अमेरिका चले आए।

कार्ल ने दावा किया कि उन्होंने नौ विश्वविद्यालयों से डिग्रियां प्राप्त की हैं, लेकिन जब उनकी सच्चाई सामने आई, तो हर कोई हैरान रह गया।

कार्ल का कहना था कि बचपन से ही उन्हें एक खूबसूरत युवती का सपना आता था, जो उनके लिए असली प्यार थी। 1899 में उनकी शादी डोरिस शेफर से हुई, लेकिन वह अपनी पत्नी को इस सपने के बारे में बताते रहे। 1926 में, वह अपने परिवार को छोड़कर अमेरिका चले आए।

1930 में, जब मारिया एलेना ‘हेलेन’ नाम की एक महिला टीबी का इलाज कराने आई, तो कार्ल को लगा कि वह वही युवती है जो उनके सपनों में आती थी। कार्ल ने एलेना का इलाज अपने खर्च पर शुरू किया, लेकिन 25 अक्टूबर 1931 को एलेना की मृत्यु हो गई।

एलेना के माता-पिता से अनुमति लेकर, कार्ल ने उसकी कब्र बनाई और उसकी चाबी अपने पास रखी। वह रोज कब्र पर जाकर घंटों बिताते थे। 1933 में, उन्होंने चुपके से कब्र खोदकर एलेना की लाश को घर ले आए और उसे मोम और प्लास्टिक से सजाने लगे।

सात साल तक वह उसके साथ रहे, और जब शव का पोस्टमार्टम हुआ, तो उसके अंदर एक पेपर ट्यूब मिला, जिससे यह पता चला कि कार्ल उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाते थे।


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