उत्तराखंड के शहरों की नई सरकार को लेकर किसी का पलड़ा भारी है तो किसी के लिए चुनौती है। लोकसभा चुनाव नतीजों के हिसाब से वोट बैंक खिसकने से ज्यादा राजनीतिक दल चिंतित हैं तो वहीं कुछ खुश भी हैं।

अब देखने वाली बात होगी कि नौ नगर निगमों में मेयर का ताज किस पार्टी के प्रत्याशियों के सिर सजेगा। 2018 के निकाय चुनाव की बात करें तो राज्य में […]

रुद्रपुर, हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मिया तेज हो गई है। आरक्षण को लेकर गठित एकल सदस्यीय समर्पित आयोग से निकाय क्षेत्रों में ओबीसी की रिपोर्ट मिलने के बाद निकायों में आरक्षण को लेकर अंतिम रूप दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार यदि ओबीसी आरक्षण के लिये गठित वर्मा आयोग की सिफारिश को मान लिया जाता है तो प्रदेश के कुल 9 नगर निगमों में से 2 सीटे ओबीसी के लिये और 1 सीट एससी के लिये आरक्षित हो जायेगी। एकल सदस्यीय समर्पित आयोग ने सरकार को जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें 9 नगर निगमों में कुल 21,50,227 की आबादी बताई गई है। इनमें से अनुसूचित जाति की 2,69,364 आबादी के हिसाब से एससी की एक सीट 3,88,135 आबादी के हिसाब से ओबीसी की दो सीटें और 14,80,532 आबादी के हिसाब से जनरल की छह मेयर सीटें रखने की सिफारिश की गई है। जिसमें रूद्रपुर की सीट को सामान्य किये जाने की सम्भावना है। इन सभी नौ सीटों पर 33 प्रतिशत महिला आरक्षण भी लागू होगा, जिसके तहत इस बार दो या तीन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने की तैयारी है। सूबे में पहली बार 30 प्रतिशत तक ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। जिसके चलते राज्य के नगर निगमों में मेयर पद पर महिलाओं के लिये 3 सीटे आरक्षित होंगी। पिछले नगर निकाय चुनाव 2018 में सात नगर निगमों का चुनाव हुआ था। जिसमें देहरादून और हल्द्वानी को सामान्य रखा गया था जबकि ऋषिकेश, हरिद्वार व कोटद्वार नगर निगम में मेयर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर उनके लिये तीन सीटे सुरक्षित की गई थी। काशीपुर में ओबीसी और रुद्रपुर में अनुसूचित जाति के लिए मेयर का पद आरक्षित था। नगर निगम बनने के बाद रूद्रपुर की सीट लगातार दो बार आरक्षित की जा चुकी हैं और यहां अन्य नगर निगमों की अपेक्षा अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग की संख्या भी कम है। इसलिये सम्भावना जताई जा रही है कि इस बार निकाय चुनाव में रूद्रपुर नगर निगम सीट को सामान्य रखा जायेगा। कोटद्वार और श्रीनगर को नगर निगम बनाये जाने के बाद प्रदेश में अब कुल 9 नगर निगम में चुनाव होने जा रहा है। नगर निगम देहरादून और हल्द्वानी की सीट पिछले तीन चुनाव से सामान्य रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि उपरोक्त दोनों सीटों पर बदलाव हो सकता है। एससी जनसंख्या के अनुपात की बात करे तो प्रदेश में अनुसूचित जाति का प्रतिशत 17.14 प्रतिशत श्रीनगर नगर निगम क्षेत्र में है। जिसके चलते श्रीनगर नगर निगम सीट को एससी किये जाने की सम्भावना सबसे अधिक जताई जा रही है। बहरहाल ओबीसी आरक्षण के लिये गठित आयोग की रिपोर्ट आने के बाद प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मिया तेज हो गई है और सम्भावना जताई जा रही है कि प्रदेश में 15 मई के बाद कभी भी नगर निकाय चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी की जा सकती हैं

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Big breaking :-निर्वाचन आयोग ने जारी किए आंकड़े, उत्तराखंड में 120 वार्ड और 136 मतदान केंद्र बढ़े निर्वाचन आयोग ने जारी किए आंकड़े, उत्तराखंड में 120 वार्ड और 136 मतदान […]

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, अवतार सिंह बिष्ट, journalist from Uttarakhand.

सरकार का तर्क है कि अभी सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर निकाय चुनाव की तैयारी की जा रही है। सभी निकायों में ओबीसी सर्वेक्षण चल रहा है। अभी तक […]