उत्तरकाशी के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने से आई भीषण आपदा के चौथे दिन भी हालात गंभीर बने हुए हैं। 80 एकड़ में फैले 20 से 60 फीट ऊंचे मलबे के नीचे 100 से 150 लोगों के दबे होने की आशंका है। राहत और बचाव अभियान के लिए सिर्फ 3 जेसीबी मशीनें मौके पर लगी हैं, जबकि हाईटेक थर्मल सेंसिंग उपकरण और भारी मशीनें रास्ता बंद होने के कारण भटवाड़ी में पिछले 2 दिन से फंसी हुई हैं। इनके धराली पहुंचने में कम से कम 4 दिन और लगेंगे।


अवतार सिंह बिष्ट हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स मुख्य संपादक उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी रुद्रपुरउत्तराखंड
सड़क और पुल टूटने से राहत कार्य में बाधा
हर्षिल से धराली के बीच 3 किमी सड़क 4 जगह से पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। भटवाड़ी से हर्षिल के बीच तीन स्थानों पर भूस्खलन और एक पुल के टूटने से मार्ग अवरुद्ध है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन के अनुसार सड़क बहाली में 3-4 दिन और लगेंगे।
ISRO की सैटेलाइट तस्वीरों से मदद
ISRO ने Cartosat-2S सैटेलाइट से ली गई पहले और बाद की तस्वीरें साझा की हैं, जिनसे रेस्क्यू ऑपरेशन की रणनीति बनाने में मदद मिली है। तस्वीरों में नदियों के चौड़ा होने और रिहायशी क्षेत्रों में मलबे व कीचड़ के जमाव की पुष्टि हुई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की ताज़ा स्थिति
- अब तक उत्तरकाशी जिले से 566 लोग सुरक्षित निकाले गए।
- धराली और हर्षिल में फंसे करीब 300 लोगों को निकालने का अभियान जारी।
- सेना डॉग स्क्वॉड, ड्रोन और ग्राउंड-रेडार की मदद से खोज अभियान चला रही है।
- बिजली और पानी बहाल करने का काम तेज, कछोरा जल विद्युत परियोजना के शुरू होने से आज शाम तक धराली, मुखबा, हर्षिल में बिजली बहाल होने की उम्मीद।
पर्यटकों की स्थिति
धराली में महाराष्ट्र के 151 पर्यटक फंसे थे, जिनमें से 120 सुरक्षित हैं और ITBP के शिविर में रखे गए हैं। 31 से अभी भी संपर्क नहीं हो सका है।
सेना का बयान
सेना के इंजीनियर रेजिमेंट के कैप्टन गुरप्रीत सिंह के अनुसार, जवान घटना के 15-20 मिनट के भीतर मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन मशीनों की कमी से काम प्रभावित है। मौजूदा संसाधनों से ही रेस्क्यू जारी है और लक्ष्य एक सप्ताह में सभी को सुरक्षित निकालने का है।
चारधाम यात्रा पर असर
धराली आपदा और सक्रिय मानसून के चलते बद्रीनाथ यात्रा का पंजीकरण रोक दिया गया है, वहीं केदारनाथ यात्रा तीसरे दिन भी बंद है। करीब 5,000 यात्री फाटा से सोनप्रयाग के बीच रुके हैं। मध्यमहेश्वर यात्रा भी गौड़ार में रोक दी गई है।

