
उनकी इस नियुक्ति को प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है, जो आने वाले समय में बीजेपी की रणनीति का संकेत भी हो सकती है।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
अहम पद की जिम्मेदारी
गौरतलब है कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत राज्य के अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं। वे 2017 से 2021 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। उनके कार्यकाल के दौरान राज्य में कई अहम विकास परियोजनाओं की शुरुआत हुई। पार्टी और संगठन में उनकी गहरी पकड़ मानी जाती है। अब केन्द्र सरकार ने उन्हें FCI जैसे अहम पद की जिम्मेदारी देकर यह स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी उनके अनुभव और कार्यशैली का लाभ लेना चाहती है।
आपूर्ति व्यवस्था को मिलेगी नई दिशा
भारतीय खाद्य निगम देश की खाद्य सुरक्षा प्रणाली की रीढ़ है। यह संस्था किसानों से अनाज की खरीद, भंडारण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से आम जनता तक खाद्यान्न पहुंचाने का काम करती है। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में जहां भौगोलिक स्थितियां विशेष हैं, वहां FCI की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। ऐसे में त्रिवेन्द्र सिंह रावत जैसे अनुभवी नेता की नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि राज्य में खाद्य प्रबंधन और आपूर्ति व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।
24 अन्य नेताओं को मिली नई जिम्मेदारी
इस नियुक्ति के साथ ही केन्द्र सरकार ने देशभर में 24 अन्य नेताओं को भी विभिन्न विभागों और संस्थाओं में नई जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इसे 2024 के आम चुनावों के बाद संगठन को और मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस जिम्मेदारी को एक नई चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि वे पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करेंगे और प्रदेश के लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। उत्तराखंड बीजेपी में इस खबर को लेकर उत्साह का माहौल है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इसे रावत के अनुभव और समर्पण का सम्मान बताया है।
