उत्तराखंड राज्य के बहुचर्चित पेपर लीक मामले में सीबीआई की दून शाखा में सोमवार को मुकदमा दर्ज कर लिया। इसी के साथ सीबीआई ने औपचारिक रूप से पेपर लीक मामले की जांच शुरू कर दी है। इस क्रम में सीबीआई ने अब तक की जांच से जुड़े दस्तावेज तलब किए हैं।

Spread the love

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 21 सितंबर को स्नातक स्तरीय परीक्षा कराई थी। इसका पेपर परीक्षार्थी खालिद ने व्हाट्सएप के जरिए परीक्षा केंद्र से बाहर भेज दिया था। इस मामले की जांच सीबीआई तक पहुंचने में 36 दिन का समय लगा। 21 सितंबर को पेपर लीक होने के बाद पुलिस ने एसआईटी का गठन कर जांच शुरू की थी।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

इस बीच, अभ्यर्थियों के विरोध और मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस यूसी ध्यानी से जांच करवाई। 11 अक्तूबर को परीक्षा रद्द कर दी गई। अब सोमवार को सरकार की सिफारिश पर केंद्रीय एजेंसी ने केस दर्ज कर लिया।

सीबीआई मामले की जांच के दौरान इस बात की तह तक जाएगी कि पेपर किस स्तर पर लीक हुआ। इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे या इस घटना को किसी गिरोह ने अंजाम दिया। मामले में पहले देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसकी जांच एएसपी जया बलोनी के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही थी। मामले की जांच के दौरान हरिद्वार के जट बहादुर स्थित परीक्षा केंद्र से पेपर लीक करने के आरोपी खालिद और उसकी बहन हिना को जेल भेजा जा चुका है।

पेपर लीक मामले में रायपुर थाने में पुलिस की तरफ से दर्ज किए गए केस में चार नामजद और एक अज्ञात आरोपी बनाया गया। आरोपियों में अमरोड़ा डिग्री कॉलेज प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, परीक्षा में बैठे खालिद, उसकी बहन साबिया, हिना और एक अन्य अज्ञात को आरोपी बनाया गया था। देखना होगा कि सीबीआई केस में शुरुआत में कौन-कौन आरोपी नामजद होंगे और जांच कहां तक पहुंचेगी।

बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि भर्तियों को लेकर वे सोमवार को यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया से भी मिले थे। जिसमें उनसे मांग की गई कि रुकी हुई भर्तियों की प्रक्रिया शीघ्र शुरू कराई जाए। आयोग की ओर से उन्हें स्नातक स्तरीय परीक्षा भी दिसंबर दूसरे सप्ताह से शुरू कराने का आश्वासन मिला है।


Spread the love