Pew Research Center की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस्लाम धर्म न केवल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म बन चुका है, बल्कि यह सबसे तेजी से बढ़ने वाला धार्मिक समुदाय भी बन गया है।

Spread the love

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2010 में मुस्लिम आबादी 170 करोड़ थी, जो 2020 तक बढ़कर 200 करोड़ बढ़ गई। यानी महज 10 वर्षों में 30 करोड़ की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

मुस्लिम आबादी की विकास दर सबसे तेज

इस रिपोर्ट में बताया गया कि 2010 से 2020 के बीच मुस्लिम आबादी में 21% की बढ़ोतरी हुई, जबकि इस दौरान अन्य सभी धर्मों की औसत वृद्धि दर सिर्फ 10% रही। यह आंकड़े यह दिखाते हैं कि इस्लाम दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है।

हिंदू आबादी में आई मामूली गिरावट

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि इस दौरान हिंदुओं की वैश्विक आबादी में हल्की गिरावट देखी गई। 2010 में हिंदू धर्म का हिस्सा वैश्विक जनसंख्या में 15% था, जो 2020 तक घटकर 14.9% रह गया।

हर चौथा व्यक्ति अब मुस्लिम

आज की तारीख में दुनिया की कुल आबादी का हर चौथा व्यक्ति मुस्लिम है। यानी मुस्लिम समुदाय की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि इसका प्रभाव भविष्य में दुनिया की जनसंख्या संरचना, संस्कृति और राजनीति पर गहरा असर डाल सकता है।

भारत में 2050 तक क्या होगा?

Pew Research की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, साल 2050 तक भारत की कुल जनसंख्या 166 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

  • इस अनुमान के मुताबिक, हिंदू आबादी 130 करोड़ होगी।
  • वहीं, भारत में मुस्लिम जनसंख्या 31 करोड़ तक पहुंच सकती है।

इसका मतलब यह है कि 2050 में दुनियाभर की कुल मुस्लिम आबादी का करीब 11% हिस्सा अकेले भारत में होगा।

क्या हो सकते हैं इसके प्रभाव?

इस तेजी से बदलती जनसंख्या संरचना का प्रभाव सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक चर्चाओं पर गहरा पड़ सकता है। जनसांख्यिकीय बदलाव नीतियों, संसाधनों के वितरण और सामाजिक सामंजस्य जैसे मुद्दों पर भी असर डाल सकते हैं।


Spread the love