अमावस्या तिथि सोमवार को पड़ती है, तो उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और ध्यान करना अच्छा माना जाता है. साथ ही इस दिन व्रत करने का भी विशेष महत्व होता है.

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सोमवती अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है. आपको बता दें कि सोमवती अमावस्या भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है. मान्यता है अमावस्या के दिन भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा करने से पति की आयु लंबी होती है. इससे सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. ऐसे में आइए जानते हैं मई के महीने में कब पड़ रही सोमवती अमावस्या और इस दिन क्या चीजें करनी चाहिए दान.

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

सोमवती अमावस्या कब है – when is somvati amavasya

अमावस्या तिथि कब से कब तक

हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवती अमावस्या 26 मई 2025 को दोपहर 12:11 मिनट पर शुरु होगी, जो 27 मई 2025 को सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर अमावस तिथि समाप्त हो जाएगी. उदयातिथि के अनुसार, अमावस 27 मई को मनाई जाएगी.

सोमवती अमावस पर स्नान दान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:03 मिनट से सुबह 4:44 मिनट तक रहेगा. इसके बाद 4:24 मिनट से सुबह 5:25 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 मिनट से 12:46 मिनट तक रहेगा.

किन चीजों का करें दान – सोमवती अमावस पर पितरों की शांति के लिए वस्त्र, मिठाई और किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराना अच्छा माना जाता है. इस दिन चावल, दूध, मिश्री, चीनी और अन्य सफेद चीजों का दान करना चाहिए.


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