
उत्तराखंड के केदारनाथ में हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान का आज अंतिम संस्कार है। उनके अंतिम संस्कार में पूरे इलाके के लोगों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। पति की तस्वीर को निहारती रही दीपिका


पति पायलट राजवीर सिंह चौहान की अंतिम यात्रा निकालने से पहले दीपिका लगातार अपने पति के शव के पास रखी तस्वीर को भारी मन और नम आंखों से निहारती हुई नजर आईं। वह अपने पति की तस्वीर को हाथों में लिए आगे-आगे चल रही थीं। अंतिम संस्कार यात्रा में लोगों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, राजवीर तेरा नाम रहेगा’ की जय घोष कर बड़ी संख्या में शामिल हुए।
संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
क्या बोले मंत्री राज्यवर्धन?
जयपुर के पायलट राजवीर सिंह चौहान के अंतिम संस्कार में शामिल हुए राजस्थान के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि यह एक परिवार के साथ-साथ पूरे देश के लिए दुख की घड़ी है। अब देश का एक बहादुर अफसर हमारे बीच नहीं रहा। राजवीर बहुत कम उम्र में हमें छोड़कर चला गया। ऐसे बहादुर अधिकारी को मैं श्रद्धांजलि देता हूं। उनकी मां ने अपने बेटे को खोने के बाद भी ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ का नारा लगाया। मैंने उनके पैर छुए। उन्होंने कहा कि उन्हें उनके बेटे और बहू ने मजबूत बनाया है। भारत ऐसे बहादुरों की वजह से मजबूत है।
क्या है केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश का मामला?
बता दें कि राजवीर उत्तराखंड में यात्रियों को लेकर हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे। यात्रा के बाद लौटते समय वह 9000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे थे। मौसम खराब था और इस दौरान यह हेलीकॉप्टर हादसा हो गया। राजवीर सिंह चौहान सेवा में लेफ्टिनेंट कर्नल से रिटायर होने के बाद पिछले 9 महीने से आर्यन एवियेशन प्राइवेट लिमिटेड के लिए फ्लाइंग कर रहे थे।
केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले पायलट राजवीर सिंह चौहान की कहानी सुनकर हर किसी की आंखें भर आईं। 14 साल पहले ही दोनों की शादी हुई थी और 4 महीने पहले ही उनके जुड़वा बच्चे हुए हैं। महज चार महीने पहले ही वे जुड़वां बेटों के पिता बने थे और फादर्स डे के दिन जब उनकी मौत की खबर परिवार को मिली, तो मानो सब कुछ थम गया।
उनके बड़े भाई चंद्रवीर सिंह चौहान सोमवार को शव को लेने और कागजी कार्रवाई के लिए उत्तराखंड गए थे और वहां से रुद्रप्रयाग से शव लेकर आज तड़के जयपुर पहुंचे। बड़े भाई चंद्रवीर ने राजवीर के हाथों में पहनी घड़ी और अंगूठी को देखते ही तुरंत भाई की पहचान कर ली थी, हालांकि पुलिस ने डीएनए जांच करवाने के लिए उनके सैंपल भी लिए थे।
