ओल्ड ट्रैफर्ड में चौथे दिन इंग्लैंड ने टीम इंडिया पर 311 रन की बढ़त ले ली थी और फिर पहले ओवर में ही दो विकेट भी ले लिए थे. यहां से टीम इंडिया की हार तय नजर आ रही थी लेकिन मैच के आखिरी 5 सेशन में शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर के शतकों के साथ केएल राहुल की यादगार पारी ने टीम इंडिया को हार से बचा दिया.


गिल का शतक, मगर राहुल चूके
टेस्ट सीरीज में पहले ही 1-2 से पिछड़ी टीम इंडिया के सामने सीरीज हार का खतरा मंडरा रहा था. चौथे दिन कप्तान गिल और राहुल ने मिलकर 174 रन की बेहतरीन साझेदारी कर टीम इंडिया के लिए ड्रॉ की आस जगाई थी. मगर आखिरी दिन 137 रन की लीड को खत्म करना बाकी था और दिन के पहले ही सेशन में बेन स्टोक्स ने राहुल (90) को पवेलियन लौटा दिया, जो सिर्फ 10 रन से अपना शतक चूक गए. वहीं कप्तान गिल ने हाथ और सिर पर चोट खाते हुए भी मोर्चा संभाले रखा.
भारतीय कप्तान गिल ने मुश्किल हालातों से जूझते हुए इस सीरीज में अपना चौथा शतक भी पूरा कर लिया. हालांकि पहला सेशन खत्म होने से ठीक पहले जोफ्रा आर्चर ने गिल (102) को आउट कर टीम इंडिया को मुश्किल में डाल दिया. यहीं पर वो पल आया, जो इंग्लैंड के लिए घातक साबित हुआ. क्रीज पर आए नए बल्लेबाज रवींद्र जडेजा पहली ही गेंद पर स्लिप में कैच दे बैठे लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच लेने वाले फील्डर जो रूट ने इस मौके को टपका दिया.
जडेजा-सुंदर ने दी गलती की सजा
टीम इंडिया उस वक्त इंग्लैंड से 89 रन पीछे थी लेकिन इंग्लैंड के लिए ये आखिरी मौका साबित हुआ. इसके बाद जडेजा और सुंदर ने अगले दो सेशन बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड से जीत छीन ली. चोटिल ऋषभ पंत की जगह इस पारी में सुंदर को प्रमोट किया गया और इस युवा ऑलराउंडर ने खुद को साबित किया. सुंदर और जडेजा ने इन दो सेशन में कुल 334 गेंदों तक बैटिंग की और 203 रन की नाबाद साझेदारी करते हुए टीम इंडिया को 425 रन तक पहुंचाया. दोनों ने आखिरी सेशन में अपने शतक पूरे किए और टीम इंडिया को 114 रन की बढ़त दिलाई, जिसके बाद दोनों टीम ड्रॉ के लिए राजी हो गईं. जडेजा (107 नाबाद) ने अपना पांचवां और सुंदर (101 नाबाद) ने पहला टेस्ट शतक जमाया.

