बीएलए के सदस्यों ने कलात के मोंगोचार बाजार में घुसकर कई सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया. इनमें नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी, न्यायिक परिसर और नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान जैसी इमारतें शामिल थी.

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सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, इन दफ्तरों को भारी नुकसान हुआ है. हमलावर इलाके से सुरक्षा बलों के पहुंचने से पहले फरार हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी बीएलए के फतेह स्क्वॉड ने ली है, जिन्होंने इसे ‘स्वतंत्रता के संघर्ष’ के तहत अपनी कार्रवाई बताया.

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

सुरक्षा अधिकारियों ने इलाके में ऑपरेशन शुरू किया और नेशनल हाईवे (एन-25) पर यातायात को बहाल कर दिया गया. इसी दौरान, मोंगोचार क्षेत्र में बीएलए आतंकियों ने एक पुलिस वाहन पर भी हमला किया, जिसमें जेल से कैदियों को क्वेटा लाया जा रहा था. आतंकियों ने कम से कम 10 कैदियों को छुड़ाया और पांच पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया.

कैदियों को छुड़ाने के लिए पुलिस वाहन पर हमला

बताया गया कि यह पुलिस वाहन गदानी जेल से कैदियों को क्वेटा और माच के केंद्रीय जेल में भेजने के लिए लाया जा रहा था. जब यह वाहन मोंगोचार इलाके में पहुंचा, तो आतंकियों ने हाईवे को ब्लॉक कर दिया और वाहन की तलाशी ली.

इस दौरान वे पुलिस वाहन से कैदियों को छुड़ा ले गए और पांच पुलिसकर्मियों को पकड़कर उनके हथियार भी साथ ले गए. पुलिस अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि दो पुलिसकर्मी जो सादे कपड़ों में थे, वे सुरक्षित रहे.

राजनीतिक विश्लेषण: हमलों के पीछे की मंशा

राजनीतिक विश्लेषक कमरान यूसुफ ने कहा कि जिस तरह से आतंकियों ने हाईवे को ब्लॉक किया, वाहनों की तलाशी ली और सरकारी भवनों को आग के हवाले किया, यह संकेत देता है कि उनका उद्देश्य जेल से कैदियों को छुड़ाना था.

उन्होंने कहा, ‘आतंकी जानते थे कि कैदी कहीं न कहीं पुलिस वाहनों में होंगे और इसी रणनीति के तहत उन्होंने यह हमले किए.’

उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना बलूचिस्तान में सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंताएं पैदा करती है और यह दिखाती है कि बीएलए जैसे समूहों के समर्थन नेटवर्क सुरक्षा बलों के लिए एक गंभीर चुनौती बने हुए हैं.


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