
भारत-दक्षिण अफ्रीका रक्षा संबंध दक्षिण अफ्रीका का यह कदम भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को दर्शाता है। दक्षिण अफ्रीका, जो ब्रिक्स का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, ने भारतीय वायुसेना को यह अवसर दिया है कि वह अपनी वायु सेना का उपयोग पाकिस्तान में लक्षित हवाई हमलों के लिए कर सके। यह निर्णय दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच बढ़ते सैन्य सहयोग और वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर एकजुटता को प्रकट करता है।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
पाकिस्तान के साथ भारत के तनावपूर्ण संबंध भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव हमेशा बना रहता है, और पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा की जाने वाली सैन्य कार्रवाइयों में वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय वायुसेना ने 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसी सफल कार्रवाइयों के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका का यह कदम भारत के लिए एक रणनीतिक लाभ प्रदान करता है, क्योंकि अब भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान में लक्षित हमले करने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा।
रणनीतिक महत्व दक्षिण अफ्रीका के हवाई क्षेत्र का उपयोग भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान में अपनी सैन्य कार्रवाई में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेगा। यह भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान तक पहुंचने के लिए एक नया रास्ता प्रदान करेगा, जिससे उन्हें हमलों के दौरान अपने मिशन को और प्रभावी तरीके से अंजाम देने का अवसर मिलेगा। इससे भारत की वायुसेना को अपनी हवाई शक्ति का विस्तार करने और दुश्मन के खिलाफ अधिक सटीकता से हमला करने का मौका मिलेगा।
दक्षिण अफ्रीका का वैश्विक प्रभाव दक्षिण अफ्रीका का यह कदम न केवल दोनों देशों के सैन्य संबंधों को और प्रगाढ़ करता है, बल्कि यह वैश्विक सुरक्षा मंच पर भी एक महत्वपूर्ण संदेश भेजता है। यह भारत की बढ़ती सैन्य ताकत और दक्षिण अफ्रीका के भारत के साथ सैन्य सहयोग को दिखाता है। दक्षिण अफ्रीका का भारत के पक्ष में यह कदम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देशों के बीच रक्षा सहयोग के नए उदाहरण स्थापित कर सकता है।
