रुद्रपुर।जिन कदमों से मंदिर तक साथ चले थे, उन कदमों का साथ आज हमेशा के लिए छूट गया। शादी की सालगिरह पर दर्शन कर लौट रहे एक दंपति की खुशियां सड़क पर बिखर गईं, जब एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी जिंदगी को रौंद डाला।


बरेली जिले के नवल अपनी पत्नी आरती के साथ रम्पुरा क्षेत्र में रहते हैं। शादी की सालगिरह पर दोनों सुबह खुशी-खुशी मंदिर के दर्शन के लिए निकले थे। लेकिन लौटते वक्त दीनदयाल चौक पर एक बेकाबू ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि आरती सड़क पर गिर गईं और ट्रक का पहिया उनके सिर पर चढ़ता हुआ निकल गया। मौके पर ही आरती ने दम तोड़ दिया।
यह हादसा सिर्फ एक परिवार पर कहर बनकर नहीं टूटा, बल्कि रुद्रपुर शहर की लचर ट्रैफिक व्यवस्था और परिवहन विभाग (आरटीओ) की निष्क्रियता को भी कठघरे में खड़ा कर गया। शहर में बिना फिटनेस के दौड़ते भारी वाहन, बेलगाम टेम्पो, टुकटुक और ई-रिक्शा सड़कों पर रोज मौत का न्यौता दे रहे हैं। आरटीओ विभाग और ट्रैफिक पुलिस आंखें मूंदे बैठी हैं। ना चेकिंग है, ना फिटनेस सर्टिफिकेट की जांच।
पूर्व विधायक श्री राजकुमार ठुकराल मौके पर पहुंचे और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग समय पर अपनी जिम्मेदारियां निभाते, तो आज यह मासूम जीवन बचाया जा सकता था। उन्होंने मांग की कि शहर में बेलगाम ट्रकों, बिना फिटनेस के वाहनों और नियमों को ताक पर रखकर दौड़ते ई-रिक्शा, टेम्पो पर सख्ती से रोक लगे।
आज आरती के घर में मातम पसरा है। जो दिन यादगार बनने वाला था, वह जिंदगी का सबसे काला दिन बन गया। इस दर्दनाक हादसे से यह सवाल एक बार फिर खड़ा हो गया है – क्या रुद्रपुर की सड़कों पर आम आदमी सुरक्षित है?
जनहित में अपील:प्रशासन से मांग की जाती है कि सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए:सभी व्यावसायिक वाहनों का सख्त चेकअप किया जाए।बिना फिटनेस और ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।ई-रिक्शा और टेम्पो के लिए लाइसेंस, परमिट और फिटनेस प्रमाणपत्रों की अनिवार्य जांच हो।ट्रैफिक पुलिस द्वारा नियमित चेकिंग अभियान चलाया जाए।एक मासूम जान की कीमत बहुत बड़ी होती है। उम्मीद है कि आरती जैसी निर्दोष आत्माओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

