सी मा विवाद और पाकिस्तान के हिमायती होने के चलते भारत के साथ चीन के संबंध तनावपूर्ण ही बने रहते हैं। हालांकि भारतीय तटरक्षक बलों की सतर्कता और मदद की भावना से चीन भी प्रभावित है। केरल के तट के पास सिंगापुर के एक शिप एमवी वैन हाई 503 में विस्फोट और आग लगने के बाद भारतीय तटरक्षक बलों ने तुरंत अपने शिप का काम पर लगा दिया और आग पर काबू पा लिया गया।

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इस शिप के चालक दल में चीन के नागरिक भी शामिल थे। भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भारतीय नौसेना और मुंबई तटरक्षक बल का आभार व्यक्त किया है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

उन्होंने कहा कि इस शिप में कुल 22 चालक दल के सदस्य थे चिनमें से 14 चीन के थे। केरल के अझिक्कल से 44 नॉटिकल माइल्स की दूरी पर शिप में आग लग गई थी। कोलंबो से न्हावा शेवा के सफर के दौरान शिप में आग लग गई थी। इस दुर्घनटा में कम से कम चार क्रू मेंबर लापता हो गए और पांच लोग घायल हुए हैं। यह शिप एक कंटेनर्स लेकर जा रहा था। शिप में आग लगने के बाद आईसीजीएस राजतूत, आईसीजीएस अर्णवेश और आईसीजीएस सचेत को तुरंत रवाना किया गया।

इंडियन कोस्ट गार्ड ने बताया था कि सिंगापुर के झंडे वाले एमवी वैन हाई 503 को तुरंत सहायता दी गई। आईसीजी एयरक्राफ्ट ने एयर ड्रॉपेबल के जरिए आग बुझाई। वहीं सहायता के लिए भारतीय तटरक्षक बल की चार शिप तुरंत रवाना की गई थीं। बताया गया कि शिप के बीच में कंटेनर बे में आग लगी थी। आग पर काबू पा लिया गया इसके बाद भी काला धुआं उठता रहा। कोस्ट कार्ड ने बताया कि समुद्र प्रहरी और सचेत बाउंड्री कूलिंग के काम में लगे हैं। वहीं आईसीजी शिप समर्थ को भी तैनात किया गया है।

सबीच मंगलुरु के पुलिस उपायुक्त (कानून एवं व्यवस्था) सिद्धार्थ गोयल ने बताया कि आईएनएस सूरत के जरिए लाए गए 18 सदस्यों में से दो गंभीर रूप से घायल हैं वहीं चार को मामूली चोटें आई हैं जबकि 12 अन्य पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि सभी घायलों को एजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी स्थिति खतरे से बाहर है।

इस बीच, अब कुछ ऐसा हुआ है जब चीन ने खुद आधिकारिक तौर पर भारतीय नौसेना को शुक्रिया कहा है. हां, उसके 14 नागरिकों की जान खतरे में थी. भारतीय नौसेना और इंडियन कोस्ट गार्ड ने फौरन पेशेवर तरीके से अभियान चलाया. आगे जो हुआ उसने विस्तारवादी मानसिकता वाले चीनियों को भी थैंक्यू कहने पर मजबूर कर दिया.

बॉर्डर पर बार-बार हरकत करने वाले चीन ने खुलकर भारतीय नौसेना के प्रति आभार व्यक्त किया है. दरअसल, 270 मीटर लंबा सिंगापुर का एक जहाज कोलंबो से आ रहा था. 9 जून को रास्ते में अचानक धमाका हो गया. उस समय यह MV वान हाई 503 केरल तट से 44 नॉटिकल मील की दूरी पर था. भारतीय कोस्ट गार्ड की टीम फौरन एक्शन में आई. हवाई जहाज उड़े और शिप भी रवाना किए गए.

आसमान से एयरक्राफ्ट ने हालात का जायजा लिया और बचाव अभियान शुरू हो गया. कोस्ट गार्ड के चार शिप लोगों को बचाने पहुंच गए. यहां भारतीय सेना ने इंसानियत को आगे रखा. आखिरकार जहाज पर मौजूद 22 क्रू मेंबर को बचा लिया गया. इसमें से 14 चीनी नागरिक थे. इसी से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सरकार गदगद है.

भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हम भारतीय नौसेना @indiannavy और तटरक्षक बल के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने तुरंत और पेशेवर तरीके से बचाव अभियान चलाया. हम आगे सर्च ऑपरेशन के सफल होने और घायल चालक दल के सदस्यों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.’

तटरक्षक बल के बारे में जानिए

आजादी के एक दशक बाद ही भारतीय नौसेना को लगने लगा था कि समुद्री सुरक्षा में कानून प्रवर्तन सेवाओं के लिए एक सहायक की जरूरत है. इसके लिए नौसेना के महत्वपूर्ण और हाईटेक युद्धपोतों को लगाना सही विकल्प नहीं था. जल्द ही नौसेना की मांग को स्वीकार किया गया और 1977 में ‘तट रक्षक’ सेवा की स्थापना की गई. इसके उद्देश्य में समुद्र के रास्ते होने वाली तस्करी को भी रोकना शामिल था जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बन सकती थी.


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