
रुद्रपुर 29 अगस्त 2025। भारत सरकार द्वारा चिन्हित आकांक्षी जनपद एवं आकांक्षी विकास खण्ड कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त दीपक रावत ने स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश अधिकारियों को दिए। जिला सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि सामाजिक व आर्थिक संकेतांकों में पिछड़े जिलों और ब्लॉकों को चिन्हित कर योजनाओं से लाभान्वित करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।


✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)
उन्होंने उधमसिंह नगर का पूरे देश के 112 आकांक्षी जिलों में चौथे स्थान पर आने पर अधिकारियों को बधाई दी। मण्डलायुक्त ने गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण, हाई रिस्क मामलों की पहचान, संस्थागत प्रसव, पूर्ण टीकाकरण और अल्ट्रासाउंड मशीनों के औचक निरीक्षण पर बल दिया। उन्होंने कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण आहार उपलब्ध कराने, टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सभी मरीजों की जांच व दवा वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
शिक्षा व्यवस्था पर जोर देते हुए उन्होंने सभी विद्यालयों में बिजली, पानी और शौचालय की व्यवस्था तथा ड्रॉपआउट बच्चों को पुनः विद्यालय में प्रवेश दिलाने की बात कही। कृषि क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान पर रोक की सराहना करते हुए गन्ना, मक्का, दलहन, तिलहन को बढ़ावा देने और किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, उन्नत बीज व उर्वरक उपलब्ध कराने पर बल दिया।
बैठक में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, डीएमओ यूसी तिवारी, संयुक्त निदेशक अर्थ एवं संख्या राजेन्द्र तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. केके अग्रवाल, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत, मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. अभय सक्सेना, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष जोशी, मुख्य उद्यान अधिकारी एसके शर्मा, महाप्रबंधक उद्योग विपिन कुमार, सहायक निदेशक मत्स्य संजय कुमार छिम्वाल, सहायक निदेशक दुग्ध राजेन्द्र सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी मुकुल चौधरी, जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन, अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई सुशील कुमार, सिंचाई विभाग से बीएस डांगी, आरडब्ल्यूडी अमित भारती, पेयजल निगम सुनील जोशी, एलडीएम चिराग पटेल, जिला पर्यटन अधिकारी लता बिष्ट, खंड विकास अधिकारी आतिया परवीन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया आकांक्षी जनपद एवं आकांक्षी विकास खण्ड कार्यक्रम अब केवल सरकारी बैठकों का हिस्सा नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक बदलाव की ठोस रणनीति बन चुका है। रुद्रपुर में मंडलायुक्त दीपक रावत की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक इसी दृष्टि को आगे बढ़ाने का प्रतीक है।
उधमसिंह नगर का पूरे देश के 112 आकांक्षी जनपदों में चौथे स्थान पर आना एक उपलब्धि है, किंतु यह संतोष का नहीं बल्कि जिम्मेदारी का क्षण है। मंडलायुक्त द्वारा स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष बल देना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यही दो क्षेत्र समाज को वास्तविक परिवर्तन की ओर ले जाते हैं। गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, हाई-रिस्क मामलों की पहचान, शत-प्रतिशत टीकाकरण, टीबी मुक्त भारत की दिशा में प्रयास और कुपोषण से बच्चों को बाहर निकालने की बात केवल आंकड़े सुधारने का प्रयास नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता सुधारने की ठोस कोशिश है।
इसी तरह शिक्षा व्यवस्था में बुनियादी ढांचा (बिजली, पानी, शौचालय), ड्रॉपआउट बच्चों की वापसी, और गुणवत्ता सुधार की दिशा में निर्देश भविष्य की पीढ़ी को मजबूत करने के लिए अनिवार्य हैं। कृषि क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान पर रोक लगाना, मक्का, गन्ना, तिलहन-दलहन को बढ़ावा देना तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड और उन्नत बीज उपलब्ध कराना टिकाऊ खेती की दिशा में उठाया गया कदम है।
इन सबके साथ वित्तीय समावेशन को गति देने, ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधा बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने की बात दर्शाती है कि विकास अब केवल शहरों की चारदीवारी में सीमित नहीं रहेगा।
जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने सही ही कहा कि योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुँचना ही कार्यक्रम की सफलता है। यह तभी संभव है जब अधिकारी केवल कागजी औपचारिकता न निभाएं, बल्कि नवाचार और मैदानी हकीकत पर ध्यान दें।
संपादकीय दृष्टि से देखा जाए तो “आकांक्षी जनपद” का विचार ही भारत की लोकतांत्रिक आत्मा को सशक्त करता है—वह आत्मा जो पीछे छूटे लोगों को आगे लाने की कोशिश करती है। उधमसिंह नगर और गदरपुर ब्लॉक की उपलब्धि इस बात का संकेत है कि अगर समन्वय, पारदर्शिता और प्रतिबद्धता बनी रही, तो यह पहल केवल सरकारी योजना नहीं रहेगी, बल्कि जनता की जीवनशैली बदलने वाला आंदोलन बन जाएगी।
✍️ अवतार सिंह बिष्ट
हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर

