दिल्ली जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) एक बार फिर से खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता हुआ नजर आ रहा है। जहां अन्य राज्य क्रिकेट संघों ने अपनी टीमें दो माह पहले ही घोषित कर दी थीं, वहीं डीडीसीए ने शुक्रवार को जल्दबाजी में बिना ट्रायल्स के ही वीनू मांकड़ अंडर-19 टूर्नामेंट के लिए 23 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया।

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गौर करने वाली बात यह है कि डीडीसीए की जूनियर व सीनियर चयन समिति का गठन 27 सितंबर को ही किया गया था। इसके बाद एक अक्टूबर को संभावित खिलाड़ियों की सूची जारी की गई, जिनमें लगभग 160 खिलाड़ी शामिल थे। इनमें 74 खिलाड़ी रणजी व अन्य अंडर-19 और अंडर-23 श्रेणी के थे।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

ये था तय कार्यक्रम

तय कार्यक्रम के अनुसार, पालम मैदान में अंडर-19 और अंडर-23 खिलाड़ियों के ट्रायल्स और यो-यो टेस्ट आयोजित होने थे, जबकि रणजी खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट अरुण जेटली स्टेडियम में होना था। योजना यह थी कि यो-यो टेस्ट के बाद अगले दो दिनों में ट्रायल्स लिए जाएंगे, लेकिन दिल्ली में बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही थी जिससे न तो यो-यो टेस्ट संभव हो सका और न ही खिलाड़ियों के ट्रायल्स। इसके बावजूद चयन समिति ने खिलाड़ियों का चयन कर लिया। सवाल यह उठता है कि जब ट्रायल्स और टेस्ट हुए ही नहीं, तो चयन किन आधारों पर हुआ?

ये है जल्दबाजी की वजह

डीडीसीए की इस जल्दबाजी की वजह बीसीसीआई की डैडलाइन है। दरअसल, वीनू मांकड़ अंडर-19 टूर्नामेंट के लिए खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कराने का आखिरी दिन शुक्रवार रात 12 बजे तक था और यह टूर्नामेंट नौ अक्टूबर से खेला जाना है। ऐसे में समिति ने पिछले सीजन के खिलाड़ियों के पुराने ट्रायल्स के आधार पर टीम को अंतिम रूप दे दिया।

जूनियर चयन समिति के चेयरमैन आशू दानी का कहना है कि पिछले 3-4 दिनों से ट्रायल्स लिए जा रहे थे और उन्हीं के आधार पर टीम चुनी गई। लेकिन सवाल यह है कि जब समिति का गठन ही 27 सितंबर को हुआ और संभावित खिलाड़ियों की सूची एक अक्टूबर को जारी की गई तो उन खिलाड़ियों का ट्रायल ले कौन रहा था? डीडीसीए की इस जल्दबाजी और अपारदर्शी चयन प्रक्रिया से कई योग्य खिलाड़ियों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।🏏 क्रिकेट हाइलाइट्स, स्कोर और बहुत कुछ


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