
पुलिस को आशंका है कि यह गैंग दर्जनों गुमशुदा कैब ड्राइवरों की हत्याओं में भी शामिल हो सकता है।


गिरफ्तार अजय लांबा अपने तीन साथियों के साथ मिलकर कैब बुक करता था। वे ड्राइवरों को उत्तराखंड की पहाड़ियों में ले जाकर पहले बेहोश करते और फिर गला घोंटकर उनकी हत्या कर देते थे। इसके बाद से वे शव को गहरी खाई में फेंक दिया करते थे साथ ही कैब को नेपाल बेचकर सबूत मिटा देते थे। जानकारी के मुताबिक, अभी तक सिर्फ एक कैब ड्राइवर का शव बरामद किया गया है, बाकी तीन शवों की तलाश जारी है।
2001 से सक्रिय था गैंग
यह गैंग 2001 से सक्रिय था और दिल्ली के इंडिया गेट से अजय लांबा की गिरफ्तारी हुई। आरोपी ने नेपाल में दस साल तक छिपकर जीवन बिताया और वहां की मूल निवासी एक महिला से विवाह भी किया। हत्या की घटनाएं मुख्य रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा, हल्द्वानी और उधमसिंहनगर इलाकों में अंजाम दी गईं।
अजय लांबा का आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार अजय लांबा पहले भी दिल्ली में एक ड्रग्स केस और ओडिशा में डकैती के मामले में जेल जा चुका है। उसके अन्य तीन साथी भी इस कुख्यात गैंग का हिस्सा थे। इनमें से धीरज नामक आरोपी अब भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। वहीं, धीरेंद्र और दिलीप पांडे को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
फिलहाल पुलिस अजय लांबा से गहन पूछताछ कर रही है ताकि अन्य हत्याओं और लापता कैब ड्राइवरों से जुड़ी कड़ियों को जोड़ा जा सके। पुलिस नेपाल और उत्तराखंड के संबंधित इलाकों में भी जांच अभियान चला रही है।

