ध्वस्तीकरण_होगा_पहाड़गंज_की_अवैध_मस्जिद_निर्माण_कार्य – विधायक शिव अरोड़ा का बड़ा ऐलान, अवैध निर्माण पर प्रशासन को सख्त निर्देश

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रुद्रपुर, 05 जून 2025।रुद्रपुर के पहाड़गंज क्षेत्र में लैंड जिहाद के तहत कथित रूप से किए जा रहे अवैध मस्जिद निर्माण कार्य को लेकर विधायक शिव अरोड़ा ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस अवैध ढांचे का शीघ्र अति शीघ्र ध्वस्तीकरण किया जाए। यह विषय केवल अवैध निर्माण का ही नहीं, बल्कि स्थानीय जनभावनाओं और कानून व्यवस्था से जुड़ा गंभीर मामला बन चुका है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

विधायक शिव अरोड़ा ने एक फेसबुक वीडियो पोस्ट के माध्यम से जनता को आश्वस्त किया कि?रुद्रपुर में लैंड जिहाद किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। जो भी अवैध निर्माण धार्मिक स्वरूप देकर कानून की अवहेलना कर रहे हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई तय है। पहाड़गंज में मस्जिद निर्माण की आड़ में अवैध कब्जे की जो साजिश रची जा रही थी, उसे प्रशासन ने पहले ही रोका था, लेकिन फिर चोरी-छिपे निर्माण जारी रखा गया, जिसे अब सील किया गया है और जल्द ही गिराया जाएगा।”

पृष्ठभूमि: क्या है मामला?पिछले कुछ सप्ताहों से सोशल मीडिया और स्थानीय संगठनों की ओर से बार-बार यह मुद्दा उठाया जा रहा था कि पहाड़गंज क्षेत्र में नगर निगम की भूमि पर अवैध रूप से एक मस्जिद निर्माण कार्य चलाया जा रहा है। जानकारी मिलते ही प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर कार्य को रोकते हुए नोटिस जारी किया था।

लेकिन बाद में छिपकर दोबारा निर्माण करने की कोशिश की गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। 31 मई को प्रशासन ने पुनः कार्रवाई करते हुए उक्त स्थल को सील कर दिया। अब विधायक के हस्तक्षेप के बाद यह साफ संकेत है कि प्रशासन अवैध निर्माण को पूरी तरह ध्वस्त करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है।

इस पूरे प्रकरण में नगर निगम रुद्रपुर की भूमिका गंभीर संदेह के घेरे में है। जिस जमीन पर अवैध मस्जिद निर्माण हो रहा था, वह नगर निगम की सीमा में आती है, बावजूद इसके प्रारंभिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। सवाल उठ रहे हैं कि क्या नगर निगम अधिकारियों की मौन स्वीकृति या मिलीभगत से यह निर्माण शुरू हुआ था? विरोध और शिकायतों के बावजूद निगम की निष्क्रियता से स्थानीय जनता में आक्रोश है। अब जबकि मामला तूल पकड़ चुका है, नगर निगम की चुप्पी और निष्क्रियता उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है।

जनमानस और हिंदू संगठनों में संतोष?विधायक शिव अरोड़ा की इस कड़ी कार्यवाही से हिंदू संगठनों में भारी संतोष देखा जा रहा है, जिन्होंने पहले ही इसे लैंड जिहाद की साजिश बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। कई संगठनों ने कहा कि यह निर्णय सांप्रदायिक सौहार्द और शहर की कानून व्यवस्था के लिए जरूरी था।

विधायक का स्पष्ट संदेश?शिव अरोड़ा ने यह भी कहा कि—“जो लोग धार्मिक आस्था की आड़ में नगर निगम या सरकारी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि अब उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है, जहां ‘सबका साथ, लेकिन तुष्टीकरण का नहीं’ की नीति चल रही है।”

अब आगे क्या?प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, अवैध निर्माण स्थल की संयुक्त जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके बाद किसी भी दिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकती है। स्थानीय पुलिस और प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी संभावित विरोध या सांप्रदायिक तनाव से निपटा जा सके।

यह मामला अब केवल एक धार्मिक ढांचे की वैधता का नहीं, बल्कि शहरी नीति, सार्वजनिक भूमि के उपयोग और धार्मिक संतुलन जैसे कई संवेदनशील मुद्दों का प्रतिबिंब बन चुका है। विधायक शिव अरोड़ा की स्पष्ट और सख्त भूमिका से आने वाले समय में अन्य अवैध धार्मिक निर्माणों पर भी असर पड़ सकता है।



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