
देवभूमि उत्तराखंड की परंपराओं और आस्थाओं से जुड़ी एक महत्त्वपूर्ण आध्यात्मिक यात्रा इस वर्ष नए मोड़ पर है।


नई टिहरी/रुद्रपुर।मंगलवार को पूर्व मंत्री एवं डोली संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी के नेतृत्व में बाबा विश्वनाथ जगदीशिला की भव्य डोली यात्रा का शुभारंभ गणेश चौक, बौराड़ी से हुआ। यात्रा का पहला स्वागत व्यापार मंडल बौराड़ी व अन्य सामाजिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा बेहद श्रद्धाभाव और भक्ति के साथ किया गया। डोली पूजन-अर्चन के उपरांत अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान कर गई।
संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
मंत्री प्रसाद नैथानी ने जानकारी दी कि पिछले 26 वर्षों से डोली यात्रा हर वर्ष मई माह में हरिद्वार में गंगा स्नान के बाद गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण करती है, और गंगा दशहरा के दिन भिलंगना ब्लॉक के विशोन पर्वत पर पूजा-अर्चना के साथ यात्रा का समापन होता है। इस दौरान जिले भर में श्रद्धालु डोली के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इस वर्ष यात्रा की एक विशेष बात यह रही कि पिछले तीन वर्षों से डोली रुद्रपुर पहुंच रही थी, जहाँ श्रद्धालुओं द्वारा भव्य स्वागत किया जाता था। लेकिन इस वर्ष रुद्रपुर को यात्रा मार्ग से बाहर कर दिया गया, जिससे यहां के श्रद्धालुओं में कहीं न कहीं एक भावनात्मक कमी और पीड़ा महसूस की जा रही है।
तीन साल की परंपरा टूटी, भावनाएं हुईं उदासीन
रुद्रपुरवासियों के लिए यह यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक गहरे आध्यात्मिक जुड़ाव और आस्था का प्रतीक रही है। पिछले वर्षों में बाबा जगदीशिला की डोली जब रुद्रपुर पहुंची थी, तब नगर में सैकड़ों श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों, फूल-मालाओं और जयघोष के साथ डोली का स्वागत करते थे।
इस बार जब यह समाचार सामने आया कि डोली यात्रा रुद्रपुर नहीं आएगी, तो श्रद्धालुओं की उम्मीदों को गहरा धक्का लगा। श्रद्धा की लहर जो अभी तक जोश में थी, वह धीरे-धीरे ठंडी पड़ने लगी। हालांकि यह स्थिति स्थायी नहीं रही — क्योंकि रुद्रपुर के आस्थावान श्रद्धालुओं ने इसे भाग्य का निर्णय नहीं बल्कि संकल्प की प्रेरणा बना लिया।
रुद्रपुर से पिथौरागढ़ पहुंचेगा श्रद्धालुओं का प्रतिनिधिमंडल
उधम सिंह नगर के संयोजक दिनेश चंद्र भट्ट के मार्गदर्शन में श्रद्धालुओं का एक प्रतिनिधिमंडल पिथौरागढ़ प्रस्थान करेगा, जहां वे बाबा की डोली के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। भट्ट जी ने कहा,
“डोली न आए तो क्या, हम भक्त होकर बाबा तक अवश्य पहुंचेंगे। हमारी आस्था स्थायी है, मार्ग बदलने से विश्वास नहीं बदलता।“
रुद्रपुर से रवाना हो रहा यह दल न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि उत्तराखंड की जनता अपने देवी-देवताओं और परंपराओं से किस हद तक जुड़ी हुई है। यह यात्रा उनके लिए केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि संस्कार और आत्मिक ऊर्जा से जुड़ने का माध्यम है।
डोली यात्रा का अंतिम पड़ाव और संपूर्ण उत्तराखंड की शुभकामनाएं
बाबा जगदीशिला की डोली यात्रा आगामी 5 जून को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर विशोन पर्वत (भिलंगना ब्लॉक) में सम्पन्न होगी। इस बीच डोली कई गांवों, कस्बों और नगरों से होकर गुजरेगी, जहां श्रद्धालु पूजा, भजन, कीर्तन और उत्सवों के साथ बाबा का स्वागत करेंगे।
इस पावन डोली यात्रा के साथ ही चारधाम यात्रा 2025 और हेमकुंड साहिब यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं का भी देवभूमि उत्तराखंड की जनता की ओर से हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया गया है।
समाप्ति में बस इतना ही कहा जा सकता है—
आस्था कभी रुकती नहीं, वह अपना मार्ग स्वयं बना लेती है। रुद्रपुर की भक्ति पिथौरागढ़ पहुंच चुकी है, और बाबा का आशीर्वाद समस्त उत्तराखंड पर बना रहे—यही कामना है।
