नेपाल में लगातार दूसरी बार जेल से कैदियों के फरार होने और उसके बाद की अराजकता ने न केवल पड़ोसी देश की कानून-व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया है, बल्कि भारत-नेपाल संबंधों को भी एक कठिन दौर में ला खड़ा किया है।

Spread the love

ताज़ा घटनाक्रम में नेपाल की जेल से भागा एक बांग्लादेशी कैदी जब चोरी-छिपे भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था, तो एसएसबी के जवानों की तत्परता ने बड़ी संभावित चुनौती को समय रहते टाल दिया। यह घटना बताती है कि भारत-नेपाल की खुली सीमा, जो दशकों से दोनों देशों के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्तों की मजबूत कड़ी रही है।

भारत की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश

अब सुरक्षा की दृष्टि से सबसे बड़ी कमजोरी बनती जा रही है। नेपाल में हिंसा और अराजकता का फायदा उठाकर अपराधी, नक्सली और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट भी भारत की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश कर सकते हैं। यह न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि सीमा पार रहने वाले आम नागरिकों के लिए भी असुरक्षा का माहौल पैदा करता है।

जलेश्वर जेल से 550 कैदी एक साथ फरार

नेपाल में मधेश प्रदेश की जलेश्वर जेल से 550 कैदियों का एक साथ फरार होना और मोरंग जेल में गोलीबारी जैसी घटनाएं नेपाल की प्रशासनिक कमजोरी का उदाहरण हैं। भारत को इससे यह सबक लेना होगा कि उसके पड़ोस में अस्थिरता की आग लगेगी तो उसकी लपटें यहां तक आना तय है। यही वजह है कि बिहार पुलिस और एसएसबी ने चौकसी बढ़ाते हुए सीमा को पूरी तरह सील कर दिया है।


Spread the love