सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर ने मुगल शासक औरंगजेब के शासनकाल में गैर-मुसलमानों के इस्लाम में जबरन धर्मांतरण का विरोध किया था. एक बार औरंगजेब ने तेग बहादुर को भी इस्लाम कबूल करने का फरमान सुनाया था, लेकिन गुरु ने ये फरमान नहीं माना, तब उनको मौत की सजा दे दी गई.

Spread the love

डॉक्टर त्रिलोचन सिंह अपनी किताब ‘गुरु तेग बहादुर प्रोफेट एंड मार्टियर’ में लिखते हैं कि औरंगजेब को सिख धर्म के बारे में जानकारी थी और वह जानता था कि सिख भी मूर्ति पूजा नहीं करते. इस वजह से औरंगजेब को लगा कि तेग बहादुर आसानी से इस्लाम कबूल करने के लिए मान जाएंगे क्योंकि उसको दोनों धर्मों में वैचारिक निकटता लग रही थी. किताब के अनुसार तेग बहादुर हिंदुओं का मसला लेकर औरंगजेब के दरबार में पहुंचे थे. गुरु ने कहा था कि अगर मुसलमान कमजोर स्थिति में होते तो वह उनके साथ भी खड़े होते.

शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता

गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब से कहा था, ‘मेरा धर्म भले हिंदू नहीं, वेदों की श्रेष्ठता, मूर्ति पूजा और रीति रिवाजों में यकीन नहीं करता, लेकिन मैं हिंदुओं के सम्मान से रहने और उनके धार्मिक अधिकारों के लिए लड़ता रहूंगा.’

किताब में लिखा गया कि तेग बहादुर की बातों से औरंगजेब सहमत नहीं हुआ और उसने कहा कि या तो इस्लाम कबूल करो वरना लोहे के पिंजरें में डालकर जंजीरों से जकड़ दिया जाएगा. कैद के दौरान औरंगजेब ने कई संदेशवाहक गुरु तेग बहादुर के पास भेजे, लेकिन वह अपनी बात पर अड़े रहे. ‘गुरु तेग बहादुर सेवियर ऑफ हिंदूज एंड हिंदुस्तान’ बुक में हरबंस सिंह वर्दी ने इस पूरी घटना के बारे में बताया है.

हरबंस सिंह वर्दी ने लिखा है, ‘एक दिन जेल के प्रमुख ने तेग बहादुर से कहा- बादशाह चाहते हैं कि आप इस्लाम धर्म अपना लें, अगर आपके लिए ये करना मुमकिन नहीं हो तो कोई चमत्कार दिखाइए, जिससे उन्हें ये अंदाजा हो जाए कि आप एक पवित्र पुरुष हैं.’

लेखक ने बताया कि तेग बहादुर ने जवाब में कहा- ‘मेरे दोस्त, चमत्कार का अर्थ होता है ईश्वर की मेहरबानी और एहसान. वो दुनिया के सामने जादूगरी दिखाने की इजाजत नहीं देता. उनकी कृपा का गलत इस्तेमाल करने से वो नाराज हो जाएंगे. मुझे ये चमत्कार दिखाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हर रोज हमारे सामने चमत्कार हो रहे हैं. क्या ये चमत्कार नहीं है कि बादशाह दूसरों को तो मौत की सजा दे रहा है, लेकिन उसको इस बात का अंदाजा नहीं कि एक दिन उसे भी मरना है.’

इस घटना के बाद औरंगजेब ने तेग बहादुर के साथियों के साथ बहुत अत्याचार किया, उनकी आंखों के सामने साथियों को प्रताड़ित किया गया. फिर एक दिन तेग बहादुर को भी मौत की सजा दे दी.


Spread the love