मुझे पाकिस्तान का पक्ष रखने को कहा गया था… जो ‘वॉर’ का एक नया रूप है, नैरेटिव वॉर ! यह कहना था व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा का, जो ‘Travel with JO’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाकर सोशल मीडिया पर छा गई।

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कभी यूट्यूब पर कश्मीर की वादियों और लाहौर की गलियों का रोमांच दिखाती थी।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

आज वही ज्योति, भारत की सबसे संगीन जासूसी जांच के केंद्र में है। इसके साथ ही हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कर्मचारी हरकीरत सिंह को भी जांच के घेरे में रखा गया है। यह वही हरकीरत है, जिसने ज्योति का वीजा दिलाने में मदद की। आइए जानते हैं ज्योति मल्होत्रा ने क्या क्या बताया?

पहला दिन, पहली परत – NIA के सामने बेशर्मी की हदें

19 मई, सोमवार। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम हिसार पहुंची। ज्योति को चंडीगढ़ ले जाया गया और पूछताछ शुरू हुई। लेकिन चौंकाने वाली बात ये रही – उसने न कोई पछतावा दिखाया, न कोई शर्म। इंडिया टुडे टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि ज्योति ने उल्टा तर्क दिया कि वह ‘अपनी अभिव्यक्ति की आजादी’ का उपयोग कर रही थी।

NIA सूत्रों के मुताबिक, ज्योति को ISI से स्पष्ट निर्देश मिले थे – सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थक नैरेटिव फैलाना। यह वही ‘नैरेटिव वॉर’ है, जो अब हथियारों की जगह शब्दों और कैमरे के जरिए लड़ा जा रहा है।

दानिश और हरकीरत – नैरेटिव सेटिंग के असली मास्टरमाइंड?

जांच में सामने आया है कि ज्योति को पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से मिलवाने वाला कोई आम व्यक्ति नहीं, बल्कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कर्मचारी हरकीरत सिंह था।

हरकीरत वही है, जिसने- वीजा दिलाने में मदद की, जत्थे के रूप में पाकिस्तान भेजा और दानिश से संपर्क करवाया। हरकीरत का फोन जब्त कर लिया गया है, और उस पर भी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई हो सकती है।

सिर्फ यूट्यूबर नहीं, ISI की प्रोपेगेंडा क्वीन!

ज्योति का पाकिस्तान और कश्मीर के प्रति अचानक उमड़ा प्रेम अब संदेह के घेरे में है। उसने 2023, 2024 और मार्च 2025 में पाकिस्तान की यात्रा की। खास बात – पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले उसकी वहां मौजूदगी थी। सूत्रों के अनुसार, उससे यह भी पूछा गया है कि क्या वह पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों को किसी सैन्य या असैन्य संपत्ति की जानकारी दे चुकी है?

‘इन्फ्लुएंसर नेटवर्क’ की परतें भी खुल रही हैं

पुलिस को शक है कि ज्योति अकेली नहीं थी। उसके साथ जुड़े अन्य ट्रैवल इन्फ्लुएंसर, जो पाकिस्तान गए थे, अब जांच के घेरे में हैं। क्या ये सभी लोग एक सुनियोजित ISI ऑपरेशन ‘डिजिटल घुसपैठ’ का हिस्सा थे?

जासूसी का नया चेहरा – कैमरे, कंटेंट और कोडेड नैरेटिव्स

ज्योति के वीडियो अब साधारण ट्रैवल ब्लॉग नहीं लगते। NIA इस बात की भी जांच कर रही है कि – क्या उसे विशिष्ट लोकेशन शूट करने के लिए कहा गया था? क्या उसके वीडियो में कोडेड मैसेज थे? क्या वह सिर्फ कैमरे से नहीं, बल्कि कंटेंट से भी सीमाएं लांघ रही थी?

कोई पछतावा नहीं, कोई माफी नहीं – अब भी कह रही ‘मैंने कुछ गलत नहीं किया’

NIA सूत्र बताते हैं कि ज्योति पूछताछ में बार-बार कह रही है- ‘मैं बस लोगों को सच्चाई दिखा रही थी। ‘लेकिन अब ये ‘सच्चाई’ भारत की सुरक्षा एजेंसियों को कड़वे सच के करीब ले जा रही है।

अब आगे क्या?

ज्योति अभी 5 दिन की NIA हिरासत में है। हरकीरत को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इन्फ्लुएंसर सर्किल की और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

एक कैमरा उठाया, एक मुल्क बेच दिया?

ज्योति मल्होत्रा का केस सिर्फ एक यूट्यूबर की गिरफ्तारी नहीं है। यह एक साइकोलॉजिकल और डिजिटल वॉरफेयर का हिस्सा है, जिसमें पाकिस्तान जैसे देश भारत को भीतर से तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं – कभी धर्म के नाम पर, कभी सोशल मीडिया के नाम पर। अब NIA के सामने चुनौती है – इस ‘नैरेटिव वार’ की जड़ तक पहुंचने की।

Jyoti Malhotra Case Timeline: ज्योति मल्होत्रा केस में कब क्या हुआ?

  • 15 मई : हिसार पुलिस ने ज्योति को घर से गिरफ्तार किया।
  • 17 मई : कोर्ट में पेशी, NIA ने कस्टडी की मांग की। 5 दिन की रिमांड मिली।
  • 18 मई : हिसार के SP शशांक कुमार ने कहा कि ज्योति ISI के टच में थी। जांच एजेंसियों ने पूछताछ की।
  • 19 मई: ज्योति से पहले दिन की पूछताछ हुई। कबूलनामे- ‘मुझे पाकिस्तान का पक्ष रखने को कहा गया था… जो ‘वॉर’ का एक नया रूप है, नैरेटिव वॉर!

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