
रुद्रपुर, 18 जून 2025 –उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले का औद्योगिक और राजनीतिक रूप से अहम शहर रुद्रपुर एक बार फिर प्रशासनिक सख्ती का गवाह बना। मंगलवार सुबह-सुबह जैसे ही फाजलपुर महरौला क्षेत्र में नगर निगम रुद्रपुर और प्रशासनिक टीम का दलबल भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुँचा, इलाके में हड़कंप मच गया। अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई शुरू होते ही लोगों में अफरातफरी का माहौल बन गया।
अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन का एक्शन मोड
नगर निगम रुद्रपुर और जिला प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि नजूल, सरकारी, दान-पात्र और वन भूमि पर कब्जा जमाए बैठे लोगों के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। मंगलवार की यह कार्रवाई इसी चेतावनी का हिस्सा थी। सूत्रों के मुताबिक, फाजलपुर महरौला क्षेत्र में एक बहुमंजिला निर्माणाधीन अवैध भवन को ध्वस्त करने के लिए जेसीबी मशीनें तैनात की गई थीं।


जैसे ही पहली मशीन ने दीवार गिराई, वहां मौजूद लोगों की सांसें थम गईं। स्थानीय निवासियों ने डर और आक्रोश के मिले-जुले भाव व्यक्त किए। कुछ लोग कार्रवाई को जायज ठहरा रहे थे, तो कुछ इसे एकतरफा और राजनीतिक बताया।
नगर निगम और प्रशासनिक टीम मौके पर मौजूद
इस कार्रवाई की निगरानी नगर आयुक्त, उपजिलाधिकारी, क्षेत्रीय लेखपाल, नगर निगम के प्रवर्तन अधिकारी और भारी पुलिस बल कर रहे थे। सीओ सिटी व तहसीलदार स्वयं उपस्थित रहे ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके। प्रशासन ने पहले से ही लाउडस्पीकर के जरिए मुनादी करवा दी थी कि अवैध निर्माण हटाए जाएँगे। बावजूद इसके, कई लोगों ने चेतावनी को नजरअंदाज कर निर्माण कार्य जारी रखा था।
‘अतिक्रमण नहीं, हमारी छत है’ – निवासियों की पीड़ा
जहां प्रशासन अवैध निर्माण को “अतिक्रमण” करार दे रहा है, वहीं स्थानीय निवासियों का दावा है कि उनके पास पुराने दस्तावेज हैं और वे कई वर्षों से यहां रह रहे हैं।
एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “हम गरीब लोग हैं, अपने बच्चों के लिए छत बनाई थी। हमें पहले नोटिस तो दे देते, अब जाएँ तो जाएँ कहाँ?”
हालांकि प्रशासन का कहना है कि नोटिस पहले ही जारी किए जा चुके थे, और कई बार मौखिक चेतावनी भी दी गई थी, बावजूद इसके निर्माण जारी रहा।
अवैध निर्माणों पर बन रही राजनीति?
इस कार्रवाई के बाद इलाके में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कुछ स्थानीय नेताओं ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है, जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि “कानून सबके लिए एक समान है, चाहे वो किसी भी जाति, धर्म या राजनीतिक दल से जुड़ा हो।”
नगर निगम रुद्रपुर की तरफ से सख्त संदेश
नगर निगम रुद्रपुर ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई किसी विशेष समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि “शहर को अतिक्रमण मुक्त और सुरक्षित” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
नगर आयुक्त ने बताया, “नगर निगम के पास सीमित संसाधन हैं, और जब सड़कें और नालियाँ कब्जों से अटी होंगी, तो जनता को मूलभूत सुविधाएँ कैसे दें?”
आगे और होगी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, फाजलपुर महरौला के अलावा खेड़ा, आजादनगर, ट्रांजिट कैंप, गदरपुर रोड और ट्रंचिंग ग्राउंड क्षेत्र में भी कई ऐसे मकान और दुकानों की पहचान की गई है जो सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं। आने वाले दिनों में वहां भी बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है।
रुद्रपुर में बुलडोजर की कार्रवाई कोई नई बात नहीं, पर इस बार की सख्ती ने लोगों को चौंका दिया है। सरकार के आदेश पर नगर निगम अब ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर काम कर रहा है। परंतु यह भी ध्यान रखना होगा कि किसी भी कार्रवाई में मानवीय संवेदनाएँ और पुनर्वास की व्यवस्था नज़रअंदाज़ न हो।
क्योंकि अतिक्रमण मिटाना जरूरी है, लेकिन गरीब की उम्मीदों और छत को मिटाना समाज के लिए कलंक बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि जहां एक ओर कानून का पालन हो, वहीं दूसरी ओर न्याय और पुनर्वास का रास्ता भी खुला रहे।
