रुद्रपुर निवेश उत्सव 2025 में बाबा रामदेव का संबोधन: उत्तराखंड को बताया ‘सनातन शक्ति और निवेश का संगम’

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रुद्रपुर निवेश उत्सव 2025 में बाबा रामदेव का संबोधन: उत्तराखंड को बताया ‘सनातन शक्ति और निवेश का संगम’

रुद्रपुर, 19 जुलाई 2025: उत्तराखंड के रुद्रपुर में आयोजित उत्तराखंड निवेश उत्सव 2025 के मंच से योगगुरु बाबा रामदेव ने आज न सिर्फ आर्थिक निवेश की बात की, बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक संदर्भों में भी राज्य को “सनातन भारत की शक्ति” बताया। उनके ओजस्वी भाषण ने कार्यक्रम को एक नई ऊंचाई दी और योग, संस्कृति, निवेश और राष्ट्रवाद के समन्वय को प्रमुखता दी।


उत्तराखंड को बताया “सनातन ऊर्जा का धाम”

बाबा रामदेव ने कहा:

“उत्तराखंड कोई साधारण भूमि नहीं है, यह ऋषियों की तपोभूमि है, यहीं से भारत की आध्यात्मिक चेतना की लहरें उठती हैं। आज ये राज्य न केवल तपस्वियों की भूमि है, बल्कि अब उद्यमियों और निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है।”

उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड का भविष्य आत्मनिर्भर भारत की आत्मा से जुड़ा है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह राज्य सांस्कृतिक गरिमा और आर्थिक प्रगति के बीच सेतु बन रहा है।


राजनीतिक संदेश – ‘धर्मनिरपेक्षता नहीं, धर्मप्रधान राष्ट्रवाद चाहिए’

बाबा रामदेव ने अपने संबोधन में राजनीतिक विकृतियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा:

“जो लोग भारत को धर्मनिरपेक्षता के नाम पर जड़ों से काटना चाहते हैं, वे भूल जाएं। भारत की आत्मा धर्म है, और उत्तराखंड इस आत्मा का प्रहरी है। हमें ऐसे राजनीतिक नेतृत्व की आवश्यकता है जो धर्म, योग, राष्ट्र और विकास – इन चार स्तंभों पर देश का निर्माण करे।”

यह बयान स्पष्ट रूप से विपक्षी दलों के उस वर्ग पर टिप्पणी मानी गई जो “निवेश के नाम पर प्रकृति और संस्कृति के विनाश” की बात करते रहे हैं।


धामी सरकार की प्रशंसा: “उत्तराखंड में राष्ट्र निर्माण का मॉडल”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रशंसा करते हुए बाबा रामदेव बोले:

“मैंने भारत के कई राज्यों को देखा है, लेकिन उत्तराखंड में पहली बार मैं देख रहा हूं कि एक मुख्यमंत्री राज्य नहीं, राष्ट्र के निर्माण की दृष्टि से कार्य कर रहा है। चाहे धर्मांतरण पर कठोर कानून हो, या समान नागरिक संहिता – यह सरकार संकल्प और साहस की सरकार है।”


🔹 पतंजलि का नया निवेश और भविष्य की योजना

बाबा रामदेव ने घोषणा की कि पतंजलि समूह उत्तराखंड में 500 करोड़ रुपये का नया निवेश करेगा, जिसमें:

  • नैनीताल/रुद्रपुर के निकट योग रिसर्च सेंटर
  • पौड़ी/उत्तरकाशी में आयुर्वेदिक फार्मिंग क्लस्टर
  • युवा उद्यमियों के लिए स्टार्टअप हब (PatStart) की स्थापना
  • राज्य के 13 जिलों में पतंजलि ग्राम उद्योग प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना

🔹 देश को संदेश – “उत्तराखंड को देखें, भारत का भविष्य समझें”

अंत में बाबा रामदेव ने यह कहा कि जिस तरह उत्तराखंड “धर्म, प्रकृति, निवेश और नेतृत्व” का संगम बन चुका है, उसी राह पर भारत को चलना होगा।

“उत्तराखंड की ओर देखिए, यह भविष्य है – जहां शिव भी हैं, उद्योग भी है; गंगा भी है, ग्लोबल निवेश भी है; योग भी है और युवा की ऊर्जा भी।

संवाददाता संपादक हिंदुस्तान ग्लोबल टाइल्स अवतार सिंह बिष्ट उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी

बाबा रामदेव का यह संबोधन न केवल एक निवेशक के रूप में था, बल्कि एक विचारक, राष्ट्रनायक और आध्यात्मिक प्रवक्ता के रूप में भी था। उत्तराखंड की भूमि को उन्होंने राज्य से ऊपर उठाकर “सनातन चेतना और विकास” का प्रतीक बताया। यह भाषण भाजपा की राष्ट्रवादी राजनीति, युवा प्रेरणा, आत्मनिर्भर भारत अभियान और उत्तराखंड को “नए भारत का मार्गदर्शक” बनाने की सोच का प्रतिबिंब बन गया।



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