
युद्ध में पाक सेना के खिलाफ आपरेशन में दोनों शहीद हो गए थे। बांग्लादेश सरकार की ओर से सभी शहीद सैनिकों के लिए सम्मान पत्र जारी किए गए हैं।


बांग्लादेश सरकार ने भेजा सम्मान पत्र
सीमा सुरक्षा बल की 83 वीं वाहिनी के कमांडिंग अफसर अरुण सिंह गंगवार के निर्देश पर उपनिरीक्षक हरीश चंद्र सौराडी बाड़मेर से सम्मान पत्र लेकर उत्तराखंड आए हैं। उन्होंने बताया कि वे कल टिहरी में लंबगांव जाएंगे। वहां शहीद कांस्टेबल देवेंद्र दत्त बहुगुणा की पत्नी सत्यभामा को सम्मान पत्र देंगे। उसके बाद चमोली में शहीद कल्याण नेगी की पत्नी कुसुमदेवी को सम्मान पत्र सौंपे जाएंगे। मालूम हो कि इस युद्ध के परिणाम स्वरूप ही पूर्वी पाकिस्तान के स्थान पर बांग्लादेश के रूप में नए राष्ट्र का उदय हुआ था। देश भर से 1600 से ज्यादा वीर सैनिकों ने इस युद्ध में प्राणों का बलिदान दिया था।
दुनिया ने देखा था भारतीय सेना का शौर्य
विश्व सैन्य इतिहास में इस युद्ध को भारतीय सेना के पराक्रम की वजह से विशिष्ट स्थान हासिल है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अमानवीय जुल्म सहते पूर्वी पाकिस्तान के लाखों लोगों को नर्क से मुक्ति दिलाई थी। भारतीय सेना के पराक्रम को देख पाक सैनिकों के हौसले पस्त हो गए।
संवाददाता,हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट/उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी!

