
अगली सुनवाई 19 मई को होगी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी बहस इलेक्ट्राॅनिक साक्ष्यों पर केंद्रित रखी।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड मामले की एसआईटी जांच के बाद कोटद्वार की एडीजे कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। अदालत में अभियोजन पक्ष की बहस समाप्त होने के बाद बीते 19 अप्रैल से बचाव पक्ष की ओर से बहस चल रही थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुज पुंडीर ने इस मामले के अंतिम 47वें गवाह विवेचक एसआईटी के निरीक्षक राजेंद्र सिंह खोलिया के बयान, जांच व इलेक्ट्राॅनिक साक्ष्य पर केंद्रित की। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बहस करते हुए कहा कि इलेक्ट्राॅनिक साक्ष्य अभियोजन पक्ष की कहानी से मेल नहीं खाते। उन्होंने चीला नहर शव बरामदगी के वीडियो से संबंधित तथ्यों से सत्य से परे बताया। बचाव पक्ष ने तीनों हत्यारोपियों को निर्दोष बताते हुए अदालत से उन्हें दोषमुक्त करने की मांग की। अब अगली सुनवाई 19 मई को होगी, जिसमें अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी बचाव पक्ष की दलीलों का जवाब देंगे। बहस के दौरान तीनों हत्यारोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता संबंधित जनपदों की जेलों से अदालत में हाजिर हुए।
क्या है मामला, ये हैं आरोप
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 18 सिंतबर, 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। एसआईटी की जांच के बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक व दो अन्य कर्मियों के खिलाफ करीब 500 पेज की चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में अदालत में विवेचक समेत 47 गवाह परीक्षित कराए गए। मुख्य आरोपी पुलकित पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354 (ए) (छेड़खानी व लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय हुए हैं। दूसरे आरोपी सौरभ भास्कर और तीसरे आरोपी अंकित गुप्ता पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोपों पर विचारण चल रहा है।
