उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो रेंज में अवैध पेड़ कटान और अनियमितताओं का मामला सुर्खियों में है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कालागढ़ के पूर्व डीएफओ किशन चंद, उनकी पत्नी, स्टोन क्रशर और उनके एक फाउंडेशन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में विशेष धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत चार्जशीट दाखिल की है.

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इस मामले की अगली सुनवाई 23 मई 2025 को होगी.

ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था अब सबकी नजर इस बात पर रहेगी कि आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है.

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

ये है मामला

वर्ष 2022 में विजिलेंस ने पाखरो रेंज में 6,000 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई और अवैध निर्माण के मामले में किशन चंद सहित कई आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. विजिलेंस ने किशन चंद को गिरफ्तार भी किया और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. सितंबर 2023 में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपने का निर्देश दिया. सीबीआई ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है, और अब सरकार के अगले कदम पर सबकी नजरें हैं.

पूर्व डायरेक्टर ने की थी शिकायत

इस घोटाले में कॉर्बेट के पूर्व डायरेक्टर राहुल ने अपने कार्यकाल के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को कई पत्र लिखकर अनियमितताओं की ओर ध्यान आकर्षित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में इस मामले में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठे. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और किशन चंद को फटकार लगाई थी, साथ ही टाइगर सफारी के लिए अवैध निर्माण और पेड़ कटाई को गंभीरता से लिया था.

पहला राष्ट्रीय उद्यान है

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, जो भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान है, बाघ संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है. इस घोटाले ने पर्यावरण संरक्षण और प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं. अब यह देखना बाकी है कि सीबीआई की जांच और ईडी की कार्रवाई के बाद दोषियों को सजा मिलती है या नहीं.


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