अधिकारी के मुताबिक मोसाद एजेंटों ने तेहरान के पास ईरानी धरती पर ड्रोन बेस स्थापित किया। ड्रोन रात भर सक्रिय हो गए। इसके अलावा हथियार प्रणालियों से लदे वाहनों को भी ईरान में तस्करी कर लाया गया।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
दु निया में हर रोज एक नए जंग का मोर्चा खुल जा रहा है। एक बार फिर इजरायल और ईरान आमने सामने हैं। ये आमना सामना कोई मामूली नहीं है क्योंकि इजरायल ने ईरान पर दनादन मिसाइलों से हमला किया, एयर स्ट्राइक किया और इस हमले में ईरान के कई बड़े सैनिकों को मार गिराया है।
इसने ईरान की हवाई सुरक्षा को नष्ट कर दिया तथा इस्राइली विमानों को ईरान पर हवाई प्रभुत्व और कार्रवाई की स्वतंत्रता प्रदान की। तीसरा गुप्त प्रयास मोसाद कमांडो द्वारा मध्य ईरान में विमान रोधी स्थलों के पास सटीक मिसाइलों की तैनाती करना था। अधिकारी ने कहा कि ये ऑपरेशन अभूतपूर्व सोच, साहसिक योजना और उन्नत तकनीकों, विशेष बलों और एजेंटों के सर्जिकल ऑपरेशन पर आधारित थे, जो स्थानीय खुफिया एजेंसियों की नजरों से पूरी तरह बचते हुए ईरान के मध्य में काम कर रहे थे।
ईरान पर इस्राइल का हमला अनुचित: उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि ईरान पर इस्राइल का हमला पूरी तरह से अनुचित था। ईरान ने इजरायल को उसके खिलाफ हमले करने का कोई कारण नहीं दिया। इजरायल ने अपनी मर्जी से देश के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया और इसे एक पूर्वव्यापी हमला बताया। यदि विश्व शक्तियां इस्राइल की आक्रामकता पर चुप रहती हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा। आज इस्राइल ने वही किया जो रूस ने यूक्रेन के साथ किया था। आप रूस के खिलाफ आवाज उठाते हैं, और रूस के खिलाफ एक आंदोलन शुरू होता है, लेकिन जब इस्राइल ईरान पर हमला करता है, तो विश्व शक्तियां चुप हो जाती हैं।
अब्दुल्ला ने कहा कि यदि रूस जैसे किसी देश द्वारा दूसरे देश पर हमला गलत है, तो इस्राइल का ईरान पर हमला पूरी तरह अनुचित है। इससे मध्य पूर्व में स्थिति और खराब होगी और इसका विश्व पर तत्काल प्रभाव पड़ेगा। इसका असर हमारे ईंधन की कीमतों, हमारे शेयर बाजार और पश्चिम की ओर जाने वाली उड़ानों पर पड़ता है। लेकिन इससे भी ज़्यादा इसका असर लोगों की भावनाओं पर पड़ता है। अब्दुल्ला ने एक्स पर कहा कि भारत के विदेश मंत्रालय से अनुरोध है कि वह ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और भलाई को तत्काल सुनिश्चित करे। उनके परिवार बहुत चिंतित हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं। हमारे छात्रों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाना चाहिए।
ईरान के छह परमाणु वैज्ञानिकों की मौत
इस्राइल द्वारा तेहरान पर किए गए हमले में कम से कम छह ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। हमले में मारे गए परमाणु वैज्ञानिकों में अब्दुलहामिद मिनोचेहर, अहमदरेज़ा ज़ोल्फ़ागरी, अमीरहुसैन फ़ेक़ी, मोटालेब्लिज़ादेह, मोहम्मद मेहदी तेहरानची और फ़ेरेदून अब्बासी शामिल हैं।
जॉडर्न में बजे सायरन
जॉर्डन में हवाई हमले के सायरन बजने लगे। यहां ईरानी ड्रोन इस्राइल को निशाना बनाने के लिए आ रहे थे।
दो इराकी सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि ईरान से इस्राइल की ओर दागे गये 100 से अधिक ड्रोनों को इराकी हवाई क्षेत्र को पार करते हुए देखा गया। इस्राइली सेना ने कहा कि वह अपनी सीमा के बाहर ड्रोनों को रोक रही है।
इस्राइली एयरलाइन इसरेयर ने कहा है कि वह तेल अवीव के बेन गुरियन हवाई अड्डे से अपने विमानों को हटा रही है। उन्हें स्थानांतरित कर रही है। उसने कहा कि यह आकस्मिक योजना का हिस्सा है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब इस्राइल ईरान के परमाणु और सैन्य हमलों के जवाब की तैयारी कर रहा है।
इस्राइल स्थित अमेरिकी दूतावास ने सभी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को अगले आदेश तक सुरक्षित स्थान पर रहने का निर्देश दिया है। उसने कर्मचारियों से कहा कि वे तेल अवीव, येरुशलम और बीर्शेबा से आगे न जाएं।
ईरान पर इस्राइल के हमले के बाद जॉर्डन ने सभी उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम ईरान और इस्राइल के बीच हुए घटनाक्रमों से बहुत चिंतित हैं। हम परमाणु स्थलों पर हमलों से संबंधित रिपोर्टों सहित उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। भारत दोनों पक्षों से किसी भी तरह के आक्रामक कदम से बचने का आग्रह करता है। स्थिति को कम करने और अंतर्निहित मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत और कूटनीति के मौजूदा चैनलों का उपयोग किया जाना चाहिए। भारत के दोनों देशों के साथ घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और वह हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। दोनों देशों में हमारे मिशन भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं। क्षेत्र में सभी भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने, सुरक्षित रहने और स्थानीय सुरक्षा सलाह का पालन करने की सलाह दी जाती है।
सैन्य अधिकारियों की मौत के साथ साथ कुछ न्यूक्लियर साईट्स को भी निशाना बनाया गया है। इस हमले के बाद से ईरान बौखलाया हुआ है। ईरान बदले की कसम खा रहा है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने कहा कि इजरायल शासन ने हमारे देश में एक और अपराध किया है और इसका अंजाम उसे बहुत भारी पड़ेगा। इजरायल कह रहा है कि ये तो पहली खेप थी। ईरान की तरफ से कुछ करने की कोशिश की गई तो दोबारा हमला करेंगे और ईरान को खत्म कर देंगे।
किसी भी तरह से ईरान के पास न्यूक्लियर हथियार नहीं होने चाहिए इस बात को लेकर एक तरफ जहां अमेरिका खड़ा है। तो दूसरी तरफ इजरायल है। यही वजह है कि इस बार इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। अब इस पूरे मामले पर भारत का भी रुख सामने आया है। ईरान और इजरायल के बिगड़ते हालात के बीच में बयान जारी करके कह रहा है कि दोनों देशों के बीच में जो हालिया गतिविधियां हुई हैं। वो काफी चिंताजनक हैं। भारत लगातार इस बात की निगरानी कर रहा है। भारत ने ने दोनों देशों से किसी भी तरह के तनाव बढ़ाने वाले कदमों से बचने का आग्रह किया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र में सभी भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने, सुरक्षित रहने और स्थानीय सुरक्षा परामर्श का पालन करने की सलाह दी गई है। ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ने के बीच विदेश मंत्रालय ने यह बयान जारी किया। खबरों के अनुसार, इजराइल ने ईरान में परमाणु संवर्धन केंद्रों समेत कई जगहों पर हमले किए हैं। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हम ईरान और इजराइल के बीच हाल के घटनाक्रमों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं। हम परमाणु स्थलों पर हमलों से संबंधित खबरों के साथ ही उभरती स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की पृष्ठभूमि में भारत ने दोनों पक्षों से किसी भी तरह के तनाव बढ़ाने वाले कदमों से बचने’ का आग्रह किया।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि तनाव कम करने के लिए कूटनीति और संवाद के मौजूदा माध्यमों का इस्तेमाल करना चाहिए। भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि वह दोनों देशों के साथ करीबी और मित्रवत संबंध रखता है और तनाव कम करने के वास्ते हरसंभव सहयोग देने के लिए तैयार है। बयान में कहा गया, दोनों देशों में हमारे मिशन भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं। क्षेत्र में सभी भारतीय नागरिकों को सतर्कता बरतने, सुरक्षित रहने और स्थानीय सुरक्षा परामर्शों का पालन करने की सलाह दी जाती है।

