ISBT देहरादून में छेड़छाड़ का विरोध करना पड़ा महंगा, मनचलों ने चलाई गोली, बुजुर्ग घायल ✍️ संवाददाता – अवतार सिंह बिष्ट | शैल ग्लोबल टाइम्स / हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स

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देहरादून, 10 जून 2025 — राजधानी देहरादून के ISBT परिसर में सोमवार देर रात एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जिसने न केवल शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता भी बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक, कुछ मनचले युवक बस अड्डे पर खड़ी कुछ लड़कियों से अश्लील हरकतें कर रहे थे। जब आसपास मौजूद लोगों ने इसका विरोध किया, तो उन युवकों ने आपा खो दिया और पिस्तौल निकालकर गोली चला दी।

गोलीबारी की इस घटना में एक बुजुर्ग व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बुजुर्ग व्यक्ति महिलाओं से छेड़छाड़ का विरोध कर रहा था और युवकों को रोकने का प्रयास कर रहा था। इसी दौरान एक युवक ने अचानक फायर कर दिया, जिससे गोली सीधे बुजुर्ग को लग गई।

घायल बुजुर्ग को तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही हैं।

मनचले मौके से फरार

घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी युवक मौके से फरार हो गए। हालांकि पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। SHO पटेलनगर के अनुसार, आरोपियों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

लापरवाही पर उठे सवाल

ISBT जैसे संवेदनशील स्थान पर इस प्रकार की वारदात होना पुलिस गश्त और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है। लोगों का कहना है कि ISBT क्षेत्र में अक्सर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है, लेकिन पुलिस की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाता।

महिलाओं ने जताई नाराजगी

घटना के बाद बस का इंतज़ार कर रही कई महिलाओं ने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यदि समय पर सुरक्षा कर्मी मौजूद होते तो यह घटना टल सकती थी।

जिम्मेदार कौन?

अब सवाल यह उठ रहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा का जिम्मा किसका है? क्या पुलिस की गश्त सिर्फ दिखावा बनकर रह गई है? और आखिरकार, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन क्या ठोस कदम उठाएगा?

पुलिस का बयान:

एसपी सिटी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अलग से एक विशेष टीम बनाई गई है जो आरोपियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।


यह घटना देहरादून जैसे शांत शहर में बढ़ते अपराध और गिरती नैतिकता का प्रतीक बनकर सामने आई है। यदि प्रशासन और समाज अब भी जागरूक नहीं हुआ, तो भविष्य में ऐसे हादसे आम हो सकते हैं।


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