
रुद्रपुर राजनीति में ऐसे नेता विरले ही होते हैं जो सत्ता में रहने या बाहर होने के बावजूद जनहित और जनभावनाओं से जुड़े रहते हैं। पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल इसी विरले श्रेणी में आते हैं। हाल ही में रुद्रपुर के ट्रांजिट कैम्प क्षेत्र में आयोजित भव्य अंबेडकर जयंती समारोह और उसके कुछ ही घंटों बाद 15 वर्षीय बालक अंकित गंगवार की हत्या पर घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचकर ठुकराल ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि वह सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि जनमानस के सच्चे प्रतिनिधि हैं।


भीम आर्मी के मंच से एकता का संदेश
14 अप्रैल को भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर ट्रांजिट कैम्प फुटबॉल मैदान जनसैलाब में तब्दील हो गया। भव्य शोभायात्रा, सत्संग, और संगोष्ठियों के माध्यम से बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने अपने भाषण में डॉ. अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करने की अपील की।
“बाबा साहब ने संविधान बनाते समय यह सुनिश्चित किया कि देश के गरीब, पिछड़े और दलित वर्ग को समान अधिकार मिले। आज हमें उनके विचारों से प्रेरणा लेकर समाज को जोड़ने की ज़रूरत है,” – राजकुमार ठुकराल
पूर्व विधायक ने कहा कि डॉ. अंबेडकर की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी स्वतंत्रता के समय थीं। वे समाज में समानता, न्याय और बंधुत्व के मजबूत स्तंभ थे।
शोभा यात्रा और जनसैलाब
शोभायात्रा ट्रांजिट कैम्प से प्रारंभ होकर राजा कॉलोनी, शिवनगर, डीडी चौक और नैनीताल हाईवे से होते हुए अंबेडकर प्रतिमा तक पहुंची। इस दौरान हजारों की संख्या में लोगों की सहभागिता ने यह दर्शा दिया कि सामाजिक एकता की भावना आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।
इस आयोजन की खास बात यह रही कि इसे सिर्फ एक दलित चेतना कार्यक्रम न मानकर सर्वसमाज की सहभागिता वाला समरसता आयोजन बनाया गया, जिसकी कमान भीम आर्मी और स्थानीय युवाओं ने संभाली थी। ठुकराल की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
अंकित गंगवार की हत्या और संवेदनशीलता की मिसाल
अभी अंबेडकर जयंती की गूंज खत्म भी नहीं हुई थी कि उसी शाम ट्रांजिट कैंप के 15 वर्षीय किशोर अंकित गंगवार की हत्या की खबर से पूरा इलाका स्तब्ध रह गया। शव सिडकुल क्षेत्र में मिलने से सनसनी फैल गई।
इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही राजकुमार ठुकराल बिना किसी विलंब के मौके पर पहुंचे। पुलिस और प्रशासन से पहले घटना स्थल पर पहुंचना और पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाना इस बात का संकेत था कि राजनीति उनके लिए सिर्फ मंच नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम है।
“मैं सरकार और प्रशासन से मांग करता हूं कि इस जघन्य हत्या की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।” – राजकुमार ठुकराल
जननेता की छवि और राजनीतिक विरासत ,राजकुमार ठुकराल का राजनीतिक सफर रुद्रपुर की गलियों से शुरू होकर विधानसभा तक पहुंचा, लेकिन उन्होंने कभी आम आदमी से अपना रिश्ता नहीं तोड़ा। चाहे आपदा की घड़ी हो, कानून-व्यवस्था की समस्या या फिर सामाजिक आयोजन – हर जगह उनकी उपस्थिति देखने को मिलती है।
ठुकराल की छवि एक जुझारू, जमीनी नेता की रही है जो जनआंदोलनों से निकले हैं। भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में रहते हुए भी उन्होंने अपने व्यक्तिगत जनसंपर्क से लोकप्रियता अर्जित की।
अवतार सिंह बिष्ट संपादक हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स ।पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल रुद्रपुर की राजनीति में एक संवेदनशील और सक्रिय जननेता के रूप में पहचान रखते हैं। अंबेडकर जयंती जैसे सामाजिक आयोजनों में अग्रिम पंक्ति में रहकर उन्होंने सामाजिक समरसता का संदेश दिया, वहीं 15 वर्षीय अंकित गंगवार की हत्या जैसी संवेदनशील घटना पर सबसे पहले पहुंचकर उन्होंने अपनी जनसेवा भावना को प्रमाणित किया। उनकी राजनीति सत्ता से अधिक सेवा और जनभावनाओं से जुड़ी रही है। चाहे सामाजिक न्याय की बात हो या आम जनता के दुःख-दर्द – ठुकराल सदैव तत्पर दिखाई दिए हैं।
