नैनीताल। हाई कोर्ट ने जा देहरादून के फतेहपुर टांडा जीवनवाला में संचालित स्टोन क्रशर को हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने ग्रामीण इलाकों में स्टोन क्रशर को लेकर कोर्ट के पूर्व के आदेशों का अनुपालन करते हुए छह सप्ताह में स्टोन क्रशर जोना चिन्हित करने के निर्देश सचिव खनन को दिए हैं।

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कोर्ट ने तब तक राज्य में नए स्टोन क्रशर स्थापित करने से संबंधित लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी है।

गुरुवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्याममूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ में देहरादून के जीवनवाला में स्थापित बालाजी स्टोन क्रशर से प्रदूषण फैल रहा है। स्टोन क्रशर की धूल से खेती प्रभावित हो रही है। यह स्टोन क्रशर राजाजी नेशनल पार्क से 3.5 किलोमीटर दूरी पर है जबकि नियमानुसार यह नेशनल पार्क से दस किमी दूर होना चाहिए। याचिका में स्टोन क्रशर हटाने की मांग की गई है। सरकार की ओर से कहा गया कि स्टोन क्रशर की स्थापना में नियमों का अनुपालन किया गया है।

इस दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि ग्रामीण इलाकों में स्टोन क्रशर के संबंध में कोर्ट के पूर्व के आदेशों का अनुपालन नहीं हो रहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से पूर्व के निर्णय भी कोर्ट में पेश किए। जिसके बाद कोर्ट ने सचिव खनन को छह सप्ताह में पूरे राज्य में स्टोन क्रशर जोन का चिन्हीकरण करने के निर्देश दिए, इस कार्रवाई के पूरे होने तक राज्य में नए स्टोन क्रशर के लाइसेंस पर रोक रहेगी।


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