
गृह मंत्रालय (MHA) ने कहा है कि भारत की जनगणना की अधिसूचना आज, 16 जून को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। यह जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसमें लगभग 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा 1.3 लाख जनगणना अधिकारी तैनात किए जाएंगे। यह पूरी प्रक्रिया 1 मार्च, 2027 तक पूरी की जाएगी।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
जनगणना दो चरणों में होगी। पहले चरण को गृह-सूचीकरण अभियान (Housing Listing Operation – HLO) कहा जाएगा, जिसमें प्रत्येक घर की स्थिति, संपत्तियां और सुविधाओं की जानकारी एकत्र की जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में जनसंख्या गणना (Population Enumeration – PE) की जाएगी, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति के जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण दर्ज किए जाएंगे।
डिजिटल उपकरणों का होगा उपयोग
पिछली बार 2011 में की गई जनगणना के बाद से यह पहला मौका है जब देश एक बार फिर इस व्यापक जनसंख्या गणना के लिए तैयार हो रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में प्रस्तावित जनगणना स्थगित हो गई थी। इस बार सरकार ने न केवल डिजिटल उपकरणों और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से जनगणना कराने का निर्णय लिया है, बल्कि नागरिकों को स्व-गणना की सुविधा देकर पारदर्शिता और भागीदारी को भी प्राथमिकता दी है।
15 जून को गृह मंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक
15 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगामी जनगणना की तैयारियों की उच्च स्तरीय समीक्षा की। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, भारत के रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में जनगणना की योजना, क्रियान्वयन, तकनीकी पहलुओं और सुरक्षा मानकों पर व्यापक चर्चा हुई।
इससे पहले, 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट समिति ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, जिसके तहत आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को भी सम्मिलित करने को मंजूरी दी गई। यह निर्णय उस लंबे समय से चली आ रही मांग का उत्तर है, जिसे विपक्षी दलों, विशेष रूप से राहुल गांधी, द्वारा लगातार उठाया जा रहा था।
