इस दिन किए गए कार्य आपको सफलता दिलाते हैं. ऐसे में इसका शनिवार को पड़ना और भी अच्छा संयोग बना रहा है. यह नक्षत्र शुक्रवार की रात 30 मई से शुरू हो रहा है. इस दिन पंचमी तिथि का भी संयोग बन रहा है. इन सब के साथ पुष्य नक्षत्र एक शुभ अति शुभ योग का निर्माण कर रहा है, क्योंकि शुक्रवार लक्ष्मी जी का दिन माना जाता है इसलिए यह नक्षत्र शनि पूजा और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए उपयुक्त माना जा रहा है.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
देवताओं द्वारा पूजा जाने वाला नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र वह नक्षत्र है जो देवताओं द्वारा भी पूजा जाता है. इस नक्षत्र को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है. अति लाभकारी, पुण्यकारी और शुभ माना जाता है. यही कारण है कि इस नक्षत्र को अमरजेय नक्षत्र भी कहा जाता है.
नक्षत्रों का राजा
पुष्य नक्षत्र नक्षत्रों का राजा है. वैसे तो यह साल में 12 बार आता है लेकिन इस 31 मई को आने वाले पुष्य नक्षत्र का शनि से जो संबंध बन रहा है उससे मिलकर यह शनि पुष्य योग बन रहा है, जो अति शुभ माना जाता है.इस नक्षत्र में वैसे तो आप जो भी कार्य करते हैं वह आपके लिए फलकारी ही होता है लेकिन कुछ ऐसे उपाय हैं जिनको करके आप इसका और भी लाभ उठा सकते हैं.
- जैसे अगर आपको आर्थिक दिक्कत है तो आप इस दिन से मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना शुरू कीजिए और श्री सुक्त का पाठ कीजिए आपको निश्चय ही लाभ मिलेगा.
- इसके साथ ही अगर आपको कोई रिलेशनशिप इशू है, तो भी आप इस दिन माता लक्ष्मी को गुलाब के फूल अर्पित कर सकते हैं या फिर गुलाब का इत्र अर्पित कर सकते हैं. माता लक्ष्मी को कोई सफेद रंग की मिठाई अर्पित करें. भगवान विष्णु का ध्यान करें. आपको अपने रिश्तो में जरूर सुधार मिलेगा.
- अगर आप लगातार के असफलता का मुंह देख रहे हैं तो इस दिन से लेकर अगले 11 दिन तक आप लगातार माता लक्ष्मी के चरणों में लाल पुष्प अर्पित करें और श्री सूक्त का पाठ करें. इससे आपके जीवन की बाधाएं दूर हो जायेंगी.

