ऑपरेशन सिंदूर: भारत का गुरुर और आतंक के खिलाफ निर्णायक प्रहार — रामपाल सिंह रुद्रपुर, विशेष प्रतिनिधि।

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नगर निगम रुद्रपुर के पूर्व मेयर और वरिष्ठ भाजपा नेता रामपाल सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की सैन्य शक्ति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और शहीदों के प्रति देश के अटूट समर्पण का प्रतीक करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति — “आत्मरक्षा की सीमा में रहकर भी निर्णायक हमला” — का एक ऐतिहासिक उदाहरण है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

पहलगाम हमले का प्रतिशोध: शहीदों की चिताओं से निकला ‘सिंदूर’

रामपाल सिंह ने कहा कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए कायराना आतंकी हमले में जब निर्दोष नागरिक और सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, तब देश भर में आक्रोश और शोक की लहर दौड़ गई। लेकिन सबसे अधिक पीड़ा उन शहीदों की पत्नियों ने झेली, जिन्होंने अपने जीवनसाथी को खोने के बावजूद देश के प्रति समर्पण नहीं छोड़ा। उन्हीं वीरांगनाओं के साहस, आंसुओं और सिंदूर की शपथ से प्रेरित होकर भारतीय सेना ने यह ऑपरेशन अंजाम दिया — और इसका नाम रखा गया “ऑपरेशन सिंदूर”

सीमाओं के भीतर रहकर सर्जिकल प्रभाव

रामपाल सिंह ने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब भारत ने सीमाओं के भीतर रहकर इतनी आधुनिक तकनीक और गुप्त रणनीति के साथ पाकिस्तान में छिपे आतंकी अड्डों को निशाना बनाया है। यह महज़ सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक राजनयिक और मनोवैज्ञानिक युद्ध भी था जिसमें पाकिस्तान को उसकी ही जमीन पर परास्त कर दिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी की निर्णायक नीति

पूर्व मेयर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व भारत के लिए वरदान साबित हुआ है। उन्होंने आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है और सुरक्षा बलों को पूरी आज़ादी दी है। ऑपरेशन सिंदूर, मोदी जी की उसी नीति का प्रतिबिंब है।

“मोदी जी ने यह सिद्ध कर दिया है कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा, बल्कि यदि कोई हमारी ओर आँख उठाएगा तो हम उसकी आँख निकाल भी सकते हैं,” रामपाल सिंह ने कहा।

भारतीय सेना: अनुशासन, साहस और समर्पण का संगम

रामपाल सिंह ने भारतीय सेना के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाइयाँ तभी संभव होती हैं जब सैनिकों में अदम्य साहस, पूर्ण अनुशासन और राष्ट्र के लिए बलिदान की भावना हो। इस ऑपरेशन में सैनिकों की विशेष टुकड़ियों ने रात के अंधेरे में, अत्याधुनिक ड्रोन, सैटेलाइट इंटेलिजेंस और थर्मल इमेजिंग तकनीक की मदद से आतंकी अड्डों को निशाना बनाया।

पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश

रामपाल सिंह ने कहा कि यह ऑपरेशन एक सीधा और कड़ा संदेश है — “अगर पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को नहीं रोकेगा, तो भारत अब कूटनीति की भाषा के बजाय कार्रवाई की भाषा में उत्तर देगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह संदेश न केवल पाकिस्तान को बल्कि दुनिया को भी यह दिखाने के लिए है कि भारत अब एक “सहनशील लेकिन प्रतिकारक शक्ति” बन चुका है।

जनता में जोश और विश्वास

ऑपरेशन सिंदूर की खबर सामने आते ही देशभर में जोश और गर्व की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया से लेकर गाँवों के चौपाल तक, हर जगह यही चर्चा थी कि भारत अब पहले जैसा नहीं रहा।

रामपाल सिंह ने कहा — “आज हर भारतीय अपने सैनिकों पर गर्व करता है। और यह गर्व तब और बढ़ जाता है जब यह पता चलता है कि यह सब हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संभव हुआ।”

राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता

उन्होंने विपक्षी दलों से भी अपील की कि वे इस समय राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठें और सेना तथा सरकार के इस निर्णय का समर्थन करें।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम सबको एक स्वर में बोलना चाहिए,” रामपाल सिंह ने कहा।आत्मनिर्भर भारत की सैन्य झलक

रामपाल सिंह ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को भी सराहा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में प्रयुक्त अधिकांश हथियार, ड्रोन, और उपकरण स्वदेशी थे। यह इस बात का प्रतीक है कि भारत अब न केवल दुश्मनों से लड़ सकता है, बल्कि बिना किसी पर निर्भर हुए लड़ सकता है।ऑपरेशन सिंदूर आज केवल एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक, नैतिक और राजनीतिक संदेश बन चुका है। यह उन वीरांगनाओं के सिंदूर का सम्मान है, जिन्होंने अपनों को खोकर भी देशभक्ति का परचम ऊँचा रखा। यह प्रधानमंत्री मोदी के साहसिक निर्णयों और सेना की रणनीतिक दक्षता का प्रतीक है।

रामपाल सिंह के शब्दों में — “यह भारत की आत्मा, उसकी शक्ति और उसकी मर्यादा का पुनर्जन्म है — ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत का गुरुर है।”



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