बता दें कि सिंगापुर में पिछले के साल में कोरोना के मामलों में 28 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. वहीं 3 मई तक कुल 14,200 नए मामले सामने आए हैं.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
कोरोना के मामलों में आया उछाल
‘ब्लूमबर्ग’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोविड का दोबारा से फैलना एशिया में वायरस के नई लहर से जुड़ा हो सकता है. चीन में इसके मामले पिछली गर्मियों से चरम पर हैं. वहीं थाईलैंड में अप्रैल में हुए सोंगक्रन फेस्टिवल के बाद से कोरोना के मामलों में उछाल देखा गया है. बता दें कि सिंगापुर में इस समय LF.7 और NB.1.8. ये दोनों वेरिएंट फैले हैं. ये दोनों JN.1 स्ट्रेन से संबंधिंत हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक ये दोनों वेरिएंट मिलकर संक्रमित मामलों के दो तिहाई से ज्यादा के लिए जिम्मेदार हैं.
इन लोगों को अधिक खतरा
बता दें कि कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खतरा है. ये लोग अधिक संक्रमित हो रहे हैं. इसके अलावा जिन लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां हैं, उनमें भी इसका खतरा अधिक है. डॉक्टरों के मुताबिक इस मौसम में कमजर इम्युनिटी सिस्टम के कारण यह हो सकता है. इसके चलते सिंगापुर में लोगों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए कहा जा रहा है.
फ्लू की तरह है कोरोना?
सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश की आबादी की इम्युनिटी कम हो रही है, हालांकि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि मौजूदा वेरिएंट पहले महामारी में खे गए वेरिएंट के मुकाबले तेजी से फैल रहा है या अधिक गंभीर बीमारी पैदा कर रहा है. डॉक्टर कोरोनावायरस की इस नई लहर को नॉर्मल फ्लू की तरह ही मान रहे हैं. ‘CNA’ की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर लोग जल्दी और बिना किसी कठिनाई के ठीक हो रहे हैं.
भारत पर भी है खतरा?
बता दें कि भारत में फिलहाल कोरोना को लेकर कोई अधिक खतरा नहीं है. ‘स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय’ के ऑफीशियल डैशबोर्ड के मुताबिक भारत में कोरोना के अब तक केवल 93 मामले ही दर्ज किए गए हैं. फिलहाल देश में कोरोना महामारी की नई लहर का कोई संकेत नहीं हैं.

