सिंदूर के नाम पर पराक्रम”: ऑपरेशन सिंदूर पर बोले पूर्व विधायक राजेश शुक्ला :भारत अब सहन नहीं करता, जवाब देता है” रिपोर्ट: अवतार सिंह बिष्ट, संवाददाता, किच्छा | विशेष रिपोर्ट

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7 मई 2025 को भारतीय सेना द्वारा किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” ने न केवल दुश्मनों को करारा जवाब दिया, बल्कि भारत के हर नागरिक के भीतर राष्ट्रगौरव की लहर दौड़ा दी। इस ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई पर किच्छा में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला, जब पूर्व विधायक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी और देशभक्ति नारों के साथ जीत का जश्न मनाया।

1. ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कदम

भारतीय सेना द्वारा की गई यह कार्रवाई उस समय हुई जब कुछ ही दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक काफिले पर कायराना आतंकी हमला हुआ। भारत सरकार और सेना ने इस बार चुप्पी नहीं साधी। जवाब दिया गया – वह भी दुश्मन के घर में घुसकर।

2. राजेश शुक्ला की टिप्पणी: ‘अब भारत चुप नहीं बैठता’

पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने दीनदयाल उपाध्याय चौक पर आयोजित कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह संदेश पूरी दुनिया को चला गया है कि भारत अब केवल कूटनीतिक विरोध तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राष्ट्र की अस्मिता पर हुए हर वार का जवाब दुश्मन की धरती पर जाकर देगा।”

3. ‘सिंदूर की रक्षा’ का प्रतीक बना ऑपरेशन

राजेश शुक्ला ने ऑपरेशन का नाम लेते हुए गहरी सांस्कृतिक भावना को जोड़ा—”यह ऑपरेशन सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ नहीं था, यह हमारी बहनों और बेटियों के सिंदूर की रक्षा के लिए था। जो आँख भारत की नारियों की अस्मिता की ओर उठेगी, उसे सदा के लिए बंद कर दिया जाएगा।”

4. ’56 इंच का सीना’ अब राष्ट्रनीति

शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णयात्मक नेतृत्व को “राष्ट्र की रीढ़” बताते हुए कहा कि “56 इंच का सीना” अब केवल भाषण नहीं, बल्कि भारत की नयी सैन्य नीति बन चुका है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “आज देश की सेनाएं पूरी छूट के साथ कार्य कर रही हैं, यही कारण है कि अब हम सिर्फ पीड़ित नहीं, बल्कि विजेता हैं।”

5. आतिशबाज़ी और भारत माता की जय

दीनदयाल चौक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार आतिशबाज़ी की। चारों ओर “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम्”, और “जय हिंद” के नारे गूंज उठे। यह क्षण पूरे किच्छा के लिए गर्व और एकता का प्रतीक बन गया।

6. उपस्थित प्रमुख नेता और कार्यकर्ता

इस समारोह में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और नेता उपस्थित थे, जिनमें प्रमुख रूप से मंडल अध्यक्ष गोल्डी गोराया, पूर्व जिलाध्यक्ष विवेक सक्सेना, वरिष्ठ भाजपा नेता धर्मराज जायसवाल, संदीप अरोड़ा, संजीव खन्ना, मूलचंद राठौर, कविता मान, प्रकाश पंत, नितिन वाल्मीकि, प्रहलाद खुराना, मीना शर्मा और कई अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे।

7. ‘भारत एक है’ का संदेश

राजेश शुक्ला ने ज़ोर देकर कहा कि “सारा भारत एक है—न जाति, न धर्म, न क्षेत्र, सिर्फ राष्ट्र की बात है। यह युद्ध आतंकवाद के खिलाफ है, और हम इसमें एकजुट होकर लड़ेंगे।”

8. प्रधानमंत्री की नीति को जनसमर्थन

शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को ऐसा नेतृत्व दिया है, जो आंख में आंख डालकर बात करता है। पहले की सरकारें जहाँ निंदा प्रस्ताव से आगे नहीं बढ़ती थीं, वहीं अब भारत अपने दुश्मनों की जमीन पर घुसकर हिसाब चुकता करता है।

9. वीर सैनिकों को सलामी

उन्होंने ऑपरेशन में भाग लेने वाले सैनिकों को श्रद्धा और गर्व के साथ याद किया और कहा कि “ये वही वीर हैं जो अपना सब कुछ छोड़कर राष्ट्र की रक्षा करते हैं—ऐसे रणबांकुरों को पूरा देश सलाम करता है।”

10. क्या कहते हैं आम नागरिक

कार्यक्रम में मौजूद कई स्थानीय नागरिकों और युवाओं ने भी इस ऑपरेशन पर अपनी भावनाएँ प्रकट कीं। किच्छा निवासी विशाल गुप्ता ने कहा, “आज पहली बार महसूस हुआ कि हमारी सेना और सरकार हमारे लिए वास्तव में कुछ कर रही है।” वहीं मीना शर्मा ने कहा, “यह ऑपरेशन हर भारतीय महिला के सम्मान की रक्षा के लिए था।”

11. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और कूटनीति

हालाँकि भारत की यह कार्रवाई पूरी तरह जवाबी थी, लेकिन इसका असर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी महसूस किया गया। कई देशों ने भारत की इस कार्रवाई को आत्मरक्षा का अधिकार बताया। राजेश शुक्ला ने भी इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “मोदी जी के राज में भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी बात दृढ़ता से रखता है।”

12. आतंकवाद पर अंतिम चोट कब?

राजेश शुक्ला ने कहा, “अभी यह अंतिम वार नहीं है। जब तक पाकिस्तान अपने यहाँ पल रहे आतंकवाद के अड्डों को बंद नहीं करता, भारत की यह नीति जारी रहेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि “आतंकवाद की यह लड़ाई आखिरी सांस तक जारी रहेगी, और हम इसे जीतकर ही दम लेंगे।”

13. युवाओं को सेना में आने का आह्वान

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि “अगर देश की सेवा करनी है, तो सेना से बेहतर कोई रास्ता नहीं। हर घर से एक बेटा देश के लिए समर्पित हो, यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी उन वीरों को जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में भाग लिया।”

14. राष्ट्रगौरव की भावना और भविष्य की दिशा

यह पूरा आयोजन भारत के आत्मविश्वास, सामर्थ्य और सामूहिक एकता का प्रतीक बना। भाजपा कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि देश की संप्रभुता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा।

ऑपरेशन सिंदूर” केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का पुनर्जागरण है। यह वह क्षण है जब भारत ने स्पष्ट कर दिया कि राष्ट्र की अस्मिता के साथ कोई समझौता नहीं होगा। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला और उनके साथियों ने इस सफलता को देशभक्ति की भावना से सराबोर कर, पूरे जनमानस में राष्ट्रीय गर्व की अलख जगा दी। आज किच्छा में जो उत्सव मनाया गया, वह पूरे देश की भावना का प्रतिबिंब था—और यही भारत की असली ताकत है।



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