पंतनगर (उत्तराखंड)। देश की प्रतिष्ठित उत्तराखंड स्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (पंतनगर विवि) से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय में अध्ययनरत पीएचडी द्वितीय वर्ष के छात्र हर्षित जानी (30 वर्ष) की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। छात्र राजस्थान निवासी था और चितरंजन भवन-2 छात्रावास के कमरा नंबर 27 में रह रहा था।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, हर्षित को शनिवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने की स्थिति में विवि चिकित्सालय लाया गया, लेकिन तब तक उसकी सांसे थम चुकी थीं। चिकित्सालय में मौजूद वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. विजय विश्वास ने बताया कि हर्षित को पूर्व में पेसमेकर लगाया गया था, जो दिल की अनियमित धड़कन को नियंत्रित करने का कार्य करता है। प्रथम दृष्टया आशंका जताई जा रही है कि पेसमेकर में तकनीकी खराबी आने के कारण ही उसकी मौत हुई होगी। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला अस्पताल रुद्रपुर भेजा गया है।
विवि परिसर में मातम का माहौल
घटना की जानकारी मिलते ही विवि परिसर में शोक की लहर दौड़ गई। हर्षित जानी की अकस्मात मृत्यु से छात्र, शोधार्थी और संकाय सदस्य स्तब्ध रह गए। साथी छात्रों के अनुसार, हर्षित बेहद मिलनसार, मेहनती और होनहार छात्र था। उसकी सेहत को लेकर पहले कोई गंभीर चिंता नहीं जताई गई थी। हालांकि कुछ छात्रों ने बताया कि उसे दिल की कुछ पुरानी बीमारी थी जिसके लिए पेसमेकर लगाया गया था।
प्रशासन ने की पुष्टि, जांच के निर्देश
पंतनगर विवि प्रशासन ने भी घटना की पुष्टि की है और बताया कि छात्र की मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस और चिकित्सकीय टीम के साथ मिलकर मामले की पूरी जांच के निर्देश दे दिए हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति और महाविद्यालय प्रशासन ने परिजनों से संपर्क कर उन्हें घटना की जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि मृतक छात्र के परिजन रविवार सुबह तक पंतनगर पहुंच सकते हैं।
मौत के बाद उठे सवाल
हर्षित की अचानक मृत्यु ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। क्या विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य ढांचे में कोई चूक रही? क्या पेसमेकर की निगरानी में लापरवाही हुई? इन सभी पहलुओं की जांच प्रशासन के लिए अब जरूरी हो गई है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।

