
पुलिस ने मोहम्मद रफीक, मुख्तार अहमद, रईस अहमद और मोहम्मद शफी को गिरफ्तार किया गया। यह मामला गुरुवार (24 अप्रैल 2025) का है।


यह मामला बांदीपोरा का है। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए बांदीपोरा पुलिस ने जिले में विभिन्न स्थानों पर विशेष नाके लगाए और तलाशी अभियान शुरू किया। पुलिस ने डी-कॉय 45वीं बटालियन सीआरपीएफ और 13 आरआर के ई-कॉय के साथ मिलकर कनिपोरा नैदखाई सुंबल में एक संयुक्त नाका स्थापित किया। नाका चेकिंग के दौरान दो संदिग्ध व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान मोहम्मद रफीक खांडे (रहने वाले खांडे मोहल्ला वटलपीरा, बन्यारई) और मुख्तार अहमद (रहने वाले बनपोरा मोहल्ला) के रूप में हुई। इन दोनों के पास से दो चीनी हैंड ग्रेनेड, एक 7.62 एमएम मैगजीन और 7.62 मिमी के 30 राउंड बरामद किए गए। इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज किया और आगे की जांच शुरू की। लश्कर-ए-तैयबा के कुछ आतंकवादी सहयोगी अपने आकाओं के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों और गैर-स्थानीय लोगों पर हमले की साजिश रच रहे थे।
इसके अलावा सदुनारा अजास में पुलिस ने एफ-कॉय 3 बटालियन सीआरपीएफ और 13 आरआर अजास कैंप के साथ मिलकर सदुनारा अजास में एक और नाका स्थापित किया। यहां चेकिंग के दौरान दो और संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा गया। इन दोनों की पहचान रईस अहमद डार (रहने वाले सदरकूट बाला) और मोहम्मद शफी डार (रहने वाले बन्यारी) के रूप में हुई। इन दोनों के पास भी अवैध हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए, जिनमें एक चीनी हैंड ग्रेनेड, 7.62 एमएम मैगजीन और 7.62 एमएम के 30 राउंड शामिल थे।
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किए गए आतंकवादी सहयोगियों ने यह स्वीकार किया कि वे लश्कर-ए-तैयबा के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) हैं और उन्हें अजास, नायदखाई सुंबल और आसपास के इलाकों में पुलिस, सुरक्षाबलों और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाने का काम सौंपा गया था। पुलिस ने इस मामले में यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम) की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
