
यह बैठक रविवार को यहां संपन्न हो गई।


सूत्रों के अनुसार, बैठक में जहां संगठनात्मक मामलों और संघ के शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर ध्यान दिया गया, वहीं संगठन ने देश के सामने मौजूद विभिन्न आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया।
यह बैठक यहां शुक्रवार को शुरू हुई थी और संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा प्रतिनिधियों को संबोधित करने के साथ इसका समापन हुआ।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में कनाडा और अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हाल ही में हुए हमलों के साथ-साथ बांग्लादेश में हिंदुओं एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के खिलाफ ”निरंतर हिंसा” पर भी चिंता जताई गई।
उन्होंने बताया कि बैठक में देश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर विचार-विमर्श करते हुए क्षेत्रीय, भाषाई और जातिगत आधार पर समाज में विभाजन पैदा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर भी गौर किया गया तथा देश में सामाजिक सद्भाव और एकता को बढ़ावा देने की रणनीति पर चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि प्रतिनिधियों ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की, जहां मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष हुआ था।

