रुद्रपुर का ‘आकृति स्वयं सहायता समूह’: महिलाओं के हुनर से संवर रहा है स्वदेशी बाजार? समूहों की भागीदारी ने बढ़ाया आयोजन का गौरव

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रुद्रपुर। देवभूमि उत्तराखंड की धरती से एक नई उम्मीद और आत्मनिर्भरता की किरण जगमगा रही है। रुद्रपुर की आकृति स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने अपने हुनर और श्रम के दम पर न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत की है, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया है कि “नारी शक्ति ही आत्मनिर्भर भारत की असली धुरी है।”

इस समूह की सदस्य—नीतू नेगी, सुनीता, सुनीता गोसाई, सीमा, गुनगुन, गुड़िया, गीता, प्रियंका और रेखा—ने मिलकर ऐसे उत्पाद तैयार किए हैं, जिनकी मांग स्थानीय बाजारों से लेकर बड़े आयोजनों तक देखने को मिल रही है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी


हस्तशिल्प से बनी टोकरी और लकड़ी के आइटम?आकृति समूह की महिलाओं ने बांस और लकड़ी से बनी हस्तशिल्प टोकरी तैयार की हैं, जो न केवल खूबसूरत हैं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। इसके साथ ही लकड़ी से बने सजावटी आइटम और घरेलू उपयोग की चीज़ें भी उनकी सूची में शामिल हैं।

गुड़िया और गीता ने विशेष डिज़ाइन वाली टोकरी तैयार की, वहीं सीमा और गुनगुन ने लकड़ी के आइटमों को नया रूप देकर उन्हें बाजार में आकर्षक बनाया। इन वस्तुओं की सुंदरता यह दर्शाती है कि स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता हासिल की जा सकती है।


कैंडी शॉप और घरेलू उत्पाद?समूह की महिलाएं केवल हस्तशिल्प तक ही सीमित नहीं हैं। उन्होंने कैंडी शॉप जैसी पहल भी की है, जिसमें बच्चों के लिए आकर्षक और स्वदेशी मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं। नीतू नेगी और प्रियंका इस कार्य में अग्रणी हैं। उनका मानना है कि यदि महिलाएं एकजुट होकर काम करें तो बड़े से बड़ा व्यवसाय भी खड़ा किया जा सकता है।


स्वदेशी को बढ़ावा और आत्मनिर्भरता की मिसाल?आकृति स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाएं इस बात की मिसाल हैं कि स्वदेशी उत्पाद ही आत्मनिर्भरता का आधार हैं। इन उत्पादों ने रुद्रपुर के स्थानीय बाजारों में नई पहचान बनाई है और अब धीरे-धीरे दूसरे जिलों तक भी पहुँचने लगे हैं।

सुनीता और सुनीता गोसाई का कहना है कि सरकार और समाज से थोड़े और सहयोग की जरूरत है, ताकि इस तरह के उत्पाद राज्य की सीमाओं से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँच सकें।


महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण?आकृति समूह यह साबित करता है कि यदि अवसर और मंच मिले तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं। उनका श्रम, उनका हुनर और उनकी लगन रुद्रपुर को आत्मनिर्भरता और स्वदेशी चेतना का मॉडल बना रहा है।यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आकृति स्वयं सहायता समूह की यह पहल रुद्रपुर ही नहीं, पूरे उत्तराखंड के लिए प्रेरणा है।


स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी ने बढ़ाया आयोजन का गौरव?रुद्रपुर नगर निगम द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित सेवा पखवाड़ा विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। इस अवसर पर नगर निगम परिसर में लगे महिला स्वयं सहायता समूहों के स्टॉलों ने कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं।

आकृति स्वयं सहायता समूह की नीतू नेगी, सुनीता, सुनीता गोसाई, सीमा, गुनगुन, गुड़िया, गीता, प्रियंका और रेखा, तथा नारी शक्ति समूह की रेनू शर्मा, शोभा मेहरा, हीरा पांडे, मधुलिका वर्मा, पुष्पा बजेठा और गीता देवी ने अपने परिश्रम और हुनर से तैयार किए गए हस्तशिल्प, लकड़ी के आइटम, टोकरी और स्वदेशी उत्पाद प्रदर्शित किए। इन स्टॉलों ने न केवल स्वदेशी को बढ़ावा दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि आत्मनिर्भर भारत का सपना महिलाओं के योगदान से ही साकार होगा।

इस अवसर पर नगर निगम महापौर विकास शर्मा और विधायक शिव अरोड़ा ने भी स्टॉलों का अवलोकन कर महिलाओं के कार्य की सराहना की। कार्यक्रम में यह स्पष्ट संदेश गया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी का जन्मदिन केवल उत्सव का अवसर नहीं, बल्कि सेवा, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के संकल्प को साकार करने का क्षण है।हम सभी नगर निगम और स्वयं सहायता समूहों के इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई देते हैं।


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