इसका सीधा असर उसकी आबादी पर पड़ रहा है।


अपनी घटती जनसंख्या के संकट से निपटने के लिए यूक्रेन ने बुधवार को एक नया कानून पारित किया, जिसमें यूक्रेनी नागरिकों को दोहरी या बहु-नागरिकता रखने की अनुमति दी गई है।
लाखों लोग देश छोड़कर चले गए
2022 में यूक्रेन की अनुमानित चार करोड़ से ज्यादा आबादी थी। जबकि 2025 में इस देश की अनुमानित जनसंख्या घटकर 3.8 करोड़ है। युद्ध के चलते लाखों लोग देश छोड़कर भी चले गए हैं।
बहु-नागरिकता का किसे मिलेगा फायदा?
यूक्रेनी संसद ने बुधवार को इस कानून पर मुहर लगाई। पहले यूक्रेनी कानून दोहरी या बहु-नागरिकता को मान्यता नहीं देता था। इसका मतलब था कि देश से बाहर रहने वाले यूक्रेनी लोगों को यूक्रेनी पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए अपनी दूसरी नागरिकता छोड़नी पड़ती थी।
तेजी से घट गई यूक्रेन की जनसंख्या
सरकारी अधिकारियों का अनुमान है कि यूक्रेन का प्रवासी समुदाय लगभग ढाई करोड़ है। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद जब यूक्रेन स्वतंत्र हुआ था, तब इस देश की जनसंख्या 5.2 करोड़ थी।
संबंध पुनःस्थापित के लिए महत्वपूर्ण कदम
एकता मंत्री ओलेक्सी चेरनीशोव ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, यह निर्णय दुनिया भर में रहने वाले लाखों यूक्रेनी लोगों के साथ संबंध पुनःस्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
मिसाइलों से यूक्रेन पर बड़ा हमला
रूस ने रातभर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों से यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला किया। राजधानी कीव समेत कई शहरों पर हमले में 16 लोगों की मौत हो गई और 156 घायल हो गए। रूस ने इस हमले को ऐसे समय अंजाम दिया, जब कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन चल रहा है।
कीव में भयंकर तबाही
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को कहा कि रूसी बलों ने यूक्रेन पर 440 से अधिक ड्रोन और 32 मिसाइलों से हमले किए। उन्होंने कीव में तबाही को सबसे भयंकर करार दिया।
अमेरिका से मांगी मदद
जेलेंस्की ने बताया कि ऐसे हमले शुद्ध रूप से आतंकवाद हैं। अमेरिका और यूरोप समेत पूरी दुनिया को एक सभ्य समाज के रूप में आतंकियों को कड़ी प्रतिक्रिया देनी चाहिए। पुतिन ऐसा केवल इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वह युद्ध जारी रखने की क्षमता रखते हैं।’ जेलेंस्की इस समय जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा में हैं।

