अलकायदा के ‘ऑनलाइन मॉड्यूल’ का खुलासा करते हुए एटीएस ने शमा परवीन को गिरफ्तार किया है इसे एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है। वह अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) और पाकिस्तान का मोहरा बन चुकी थी।


प्रतिबंधित आतंकी संगठन AQIS के विचारों को फैलाने के आरोप में शमा को मंगलवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया जहां वह अपने छोटे भाई के साथ रह रही थी। बुधवार को उसे ट्रांजिट रिमांड पर गुजरात लाया गया। एटीएस के अधिकारियों मुताबिक, अंसारी भारत सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह और जिहाद के लिए लोगों को उकसा रही थी और इसके लिए वह डिजिटल प्लैटफॉर्म्स का सहारा ले रही थी। वह नफरती संदेशों को फैलाकर धार्मिक उन्माद और हिंसा भड़काना चाहती थी।
एटीएस की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि अंसारी दो फेसबुक बेज और एक इंस्टाग्राम अकाउंट को संभालती थी, जिनके सामूहिक रूप से 10000 यूजर थे। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक शमा इनके जरिए AQIS और अन्य कट्टरपंथी प्रचारकों के विचारों को साझा करती थी। इनमें AQIS नेता मौलाना असीम उमर, मर चुके अलकायदा विचारक अनवर अल-अवलाकी और लाहौर के लाल मस्जिद के मौलाना अब्दुल अजीज के भाषणों के वीडियो शेयर किए जाते थे। इनमें गजवा-ए-हिंद, काफिरों पर हमले और भारत सरकार के खिलाफ नफरती संदेश होते थे।
जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि अंसारी पाकिस्तान में कुछ लोगों के साथ फोन और ईमेल के जरिए संपर्क में थी। इसी महीने एटीएस की ओर से चलाए गए एक ऑपरेशन के बाद शमा की भूमिका सामने आई। 23 जुलाई को एटीएस ने दिल्ली, नोएडा, अहमदाबाद और गुजरात से चार लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन पर जिहादी प्रोपेगेंडा वीडियो को साझा करने का आरोप है। एटीएस ने कहा कि इन वीडियो में भारतीय मुस्लिम युवाओं को देश के लोकतंत्र को खारिज करके सशस्त्र विद्रोह करके शरिया कानून लागू करने के लिए उकसाया जाता था।
गिरफ्तार किए गए इन चार लोगों में दिल्ली निवासी मोहम्मद फइक भी था, जिसने जिहाद और भारत में आतंकी हमलों के लिए उकसाने वाले वीडियो शेयर किए थे। जांच में पता चला कि उसने दो फेसबुक और एक इंस्टाग्राम हैंडल से ये वीडियो लिए थे। जांचकर्ताओं के मुताबिक इन दोनों पेज को शमा परवीन अंसारी चला रही थी।
इसके बाद गुजरात एटीएस ने केंद्रीय जांच एजेंसियों और कर्नाटक पुलिस के सहयोग से परवीन को बेंगलुरु से गिरफ्तार कर लिया। एटीएस अब शमा से पूछताछ करके यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि वह किन-किन लोगों के संपर्क में थी और ‘ऑनलाइन जिहाद’ का पूरा नेटवर्क किस तरह चल रहा था।

