
हेमकुंड साहिब न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक अद्भुत स्थान है। ऊंचे पर्वत, शांत झील और आध्यात्मिक वातावरण इसे और भी खास बनाते हैं।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंहe
पंच प्यारे की अगुवाई में खोले गए कपाट
रविवार सुबह पंज प्यारे (पांच सम्मानित सिख) के आगमन के साथ हेमकुंड साहिब में पूजा-पाठ शुरू हुआ। गुरु की अरदास, शबद कीर्तन और गुरबानी के बीच श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारे के कपाट खोले गए। इसके साथ ही इस साल की हेमकुंड साहिब यात्रा की शुरुआत हो गई।
कब तक कर सकते हैं दर्शन?
गुरुद्वारे को इस शुभ अवसर पर फूलों और रंग-बिरंगे झंडों से सजाया गया। बर्फबारी के कारण अभी भी गुरुद्वारे के आसपास का क्षेत्र बर्फ से ढका हुआ है, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए रास्ता साफ कर दिया गया है। यात्रा मार्ग को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने खास तैयारी की है। श्रद्धाल संभवत: इस साल अक्टूबर तक हेमकुंड साहिब के दर्शन कर सकते हैं।
पहले जत्थे ने की यात्रा शुरू
शनिवार को गोविंदघाट गुरुद्वारा से सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था पवित्र निशान साहिब के साथ रवाना हुआ। यह जत्था रात में घांघरिया गुरुद्वारा में रुका और फिर सुबह “बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारों के साथ हेमकुंड साहिब पहुंचा।
हेमकुंड यात्रा मई से अक्टूबर तक
हेमकुंड साहिब की यात्रा हर साल मई से अक्टूबर के बीच होती है। इस दौरान भारत और विदेशों से लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और मत्था टेकते हैं। ठंड और बर्फबारी के कारण यह गुरुद्वारा साल के केवल कुछ महीनों के लिए ही खुलता है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से कड़े इंतजाम किए गए हैं। यात्रा मार्ग पर राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) की टीमें भी तैनात की गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
