दो-दो बार दायित्वधारी रहे डा. विनोद आर्य के भाजपा में रहते हुए सरकारों और संगठन में मजबूत पकड़ किसी से छिपी नहीं है। लेकिन, अंकिता हत्याकांड के बाद पार्टी और सत्ता ने इस परिवार की पद-प्रतिष्ठा छीन ली। भाजपा ने डा. विनोद आर्य को पार्टी से और उनके बेटे अंकित को उत्तराखंड ओबीसी आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया था।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
बड़े नेताओं में होने लगी थी डा. विनोद आर्य
कई दशक से भाजपा और आरएसएस से जुड़े डा. विनोद आर्य को पहली बार वर्ष 2012 में माटी कला बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर दायित्वधारी की कुर्सी दी गई। इससे न सिर्फ डा. विनोद आर्य की गिनती हरिद्वार जिले के बड़े भाजपा नेताओं में होने लगी, बल्कि उनकी स्वदेशी आयुर्वेद फार्मेसी ने भी इसके बाद ही नाम और दाम, दोनों हासिल किए। साथ ही पार्टी के बड़े मंचों पर डा. विनोद आर्य नजर आने लगे।
वर्ष 2017 में दोबारा भाजपा सरकार बनने पर फिर से डा. विनोद आर्य के अच्छे दिन शुरू हो गए। इस बार त्रिवेंद्र रावत सरकार में उन्हें पशुपालन बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर फिर से दायित्वधारी की कुर्सी सौंपी गई। प्रदेश में तीन मुख्यमंत्री बदलने के बावजूद आर्य परिवार की पकड़ सरकार पर बनी रही।
जनवरी 2022 में डा. विनोद आर्य के बड़े बेटे अंकित को उत्तराखंड ओबीसी आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर दायित्वधारी की कुर्सी दी गई। लेकिन, अंकिता हत्याकांड के बाद पुलकित आर्य का वनंतरा रिसार्ट आक्रोशित प्रदेशवासियों के निशाने पर आ गया। इसके बाद भाजपा ने भी डा. विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर उसके परिवार से दूरी बना ली।
अंकिता हत्याकांड के बाद यह भी चर्चा रही कि वर्ष 2022 से पूर्व आर्य परिवार को दायित्वधारी की दो-दो कुर्सियां दिलाने में वनंतरा रिसार्ट ने भी अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही रिसार्ट पर आने-जाने वाले बीआइपी मेहमानों की जांच की मांग भी उठने लगी।
शुक्रवार को जब कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त रिसार्ट स्वामी पुलकित आर्य, रिसार्ट प्रबंधक सौरभ भाष्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तो यहां हरिद्वार में भी दोषियों के घरों पर लोगों की निगाहें टिकी रहीं।
पुलकित आर्य के पिता पूर्व भाजपा नेता डा. विनोद आर्य हरिद्वार आर्यनगर में ही रहते हैं, जबकि पुलकित के बड़े भाई अंकित की इमलीखेड़ा में फैक्ट्री है। लेकिन, अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद विनोद और अंकित आर्य किसी राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रम में नजर नहीं आए। स्थानीय लोगों के अनुसार अब उनके करीबी भी उनसे दूरी बनाए रखते हैं। घटना के बाद लोगों ने उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया हुआ है।
अन्य दो अभियुक्त भी हरिद्वार ज्वालापुर के निवासी
अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य आर्यनगर हरिद्वार का निवासी है, जबकि अन्य दो दोषी सौरभ भाष्कर और अंकित गुप्ता हरिद्वार के ही ज्वालापुर क्षेत्र के रहने वाले हैं।

