
NIA के अनुसार, भगवंत सिंह हमले के मुख्य आरोपियों गुरसिदक सिंह और विशाल उर्फ चूची का करीबी सहयोगी था और हमले के बाद उन्हें पनाह देने में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या अब चार हो गई है।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
मार्च में अमृतसर के ठाकुर द्वार सनातन मंदिर पर हुए ग्रेनेड हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) ने ली थी। हमले को अंजाम देने के बाद गुरसिदक सिंह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, जबकि उसका साथी विशाल गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा दीवान सिंह उर्फ सनी और साहिब सिंह उर्फ साबा को भी इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
NIA की जांच में सामने आया है कि भगवंत सिंह ने गुरसिदक और विशाल को हमले की योजना से लेकर उसके बाद तक अपने पास छिपाकर रखा था। इतना ही नहीं, हमले में इस्तेमाल किया गया ग्रेनेड भगवंत के घर के पीछे छिपाया गया था।
जांच में यह भी पाया गया कि भगवंत सिंह को अपने बैंक खाते के जरिए आतंकी फंडिंग भी प्राप्त हुई थी, जो सीधे केएलएफ के नेटवर्क से जुड़ी हुई थी।
एनआईए ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केएलएफ के भारत में मौजूद नेटवर्क और विदेशों में सक्रिय नोड्स के खिलाफ जारी बड़े अभियान का हिस्सा है। मामले की जांच एनआईए केस संख्या RC-08/2025/NIA/DLI के तहत की जा रही है।
एजेंसी के मुताबिक, आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, क्योंकि केएलएफ के विदेशी हैंडलर्स और स्थानीय संपर्कों के बीच लगातार लिंक स्थापित किए जा रहे हैं।
