38वें राष्ट्रीय खेलों में शामिल रहे 11 खिलाड़ियों के डोपिंग में फंसने के बाद राज्य का खेल विभाग फिर से अलर्ट हो गया है। विभाग डोपिंग के खिलाफ प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाएगा। जल्द इस संबंध में सभी जिला क्रीड़ा अधिकारी, स्पोर्ट्स कॉलेज, स्टेडियम, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में नियुक्त कोच आदि को दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

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खेल विभाग के निदेशक प्रशांत आर्य ने कहा कि खिलाड़ियों को बताया जाएगा कि वह ड्रग्स या शक्तिवर्धक दवाओं पर नहीं, अपनी क्षमताओं और प्राकृतिक खान-पान पर भरोसा रखें। जाने-अंजाने दवाओं का सेवन उनके स्वास्थ्य और कॅरिअर के लिए घातक साबित हो सकता है।

आईओए लेगी पदकों पर फैसला : सिंह
उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह ने कहा कि जिन खिलाड़ियों को नाडा ने आरोपित किया है, उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। वह दोषी पाए गए तो उन्हें एक से चार साल के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है। ऐसी सूरत में उनका पदक वापस लिया जाएगा। यदि उस खिलाड़ी ने स्वर्ण जीता होगा तो रजत पदक विजेता स्वर्ण का हकदार होगा और कांस्य पदक विजेता रजत पदक पाएगा। चौथे स्थान पर रहे खिलाड़ी को कांस्य दिया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया भारतीय ओलंपिक संघ और संबंधित खेल फेडरेशन मिलकर पूरा करेगी।

शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता


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