
इसी बीच अमेरिकी सेना के मुख्य अधिकारी ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वो स्थिति पर बहुत ही बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी- अमेरिकी सेना
मामले में अमेरिकी सेना की यूएस आर्मी पैसिफिक कमांड के प्रमुख जनरल रोनाल्ड क्लार्क ने एक डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा कि अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी। हम स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं और जैसे-जैसे जानकारी स्पष्ट होती है, हम अपने उच्च मुख्यालय और इंडो-पैसिफिक कमांड के साथ समन्वय में हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव से ट्रंप चिंतित
उधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि दोनों देश रुकें। अगर मैं कुछ मदद कर सकता हूं तो मैं वहां रहूंगा। हम दोनों देशों के साथ अच्छे रिश्ते रखते हैं और मैं चाहता हूं कि वे आपसी विवाद सुलझाएं।
ऑपरेशन सिंदूर पर विक्रम मिस्री का बयान
वहीं ऑपरेशन सिंदूर को लेकर वैश्विक मंच पर बढ़ती बयानबाजी को देखते हुए भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि भारत की यह सैन्य कार्रवाई मापा हुआ, गैर-उत्तेजक, संतुलित और जिम्मेदार कदम थी। उन्होंने कहा कि यह हमला इसलिए जरूरी था ताकि 22 अप्रैल के हमले के योजनाकारों और अपराधियों को सजा दी जा सके, क्योंकि पाकिस्तान ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
-ऑपरेशन सिंदूर, पर एक नजर
गौरतलब है कि 6 से 7 मई की दरमियानी रात को 1:05 बजे से लेकर 1:30 बजे तक सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। 25 मिनट के इस ऑपरेशन में 24 मिसाइलों के जरिए नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया गया। इन नौ ठिकानों में से पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे, वहीं चार पाकिस्तान में थे। इन ठिकानों में आतंकियों को भर्ती किया जाता था। उन्हें प्रशिक्षित किया जाता था। इतना ही नहीं भारतीय सेना के इस कार्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के दस लोगों की मौत हो गई।

