भारत में अनेक प्राचीन और भव्य मंदिर हैं, इसलिए इसे मंदिरों का देश भी कहा जाता है। इतना ही नहीं हमारे देश में मृत्यु के देवता यमराज के भी अनेक मंदिर हैं जो अपनी मान्यताओं के चलते काफी प्रसिद्ध हैं।

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ऐसा ही एक मंदिर हिमाचल प्रदेश में भी है, जिसे यमराज की कचहरी कहा जाता है। मान्यता है कि मरने के बाद व्यक्ति की आत्मा सबसे पहले यही लाई जाती है। यहां यमराज के कक्ष के अलावा उनकी सहयोग चित्रगुप्त का कमरा भी है। जानें इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें…

शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता

कहां है यमराज की कचहरी?

यमराज का प्राचीन मंदिर हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भरमौर नामक स्थान पर है। ये मंदिर एक साधारण घर की तरह दिखाई देता है। यहां यमराज और उनके सरहयोगी चित्रगुप्त के अलग-अलग कमरे हैं। मान्यता है कि मरने के बाद व्यक्ति की आत्मा को सबसे पहले यहां लाया जाता है जहां चित्रगुप्त उसके अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब यमराज को बताते हैं और यमराज उसके अनुसार, उसे स्वर्ग और नरक भेजते हैं।

यहां है 4 अदृश्य द्वार

इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि इसके आस-पास 4 अदृश्य द्वार हैं जो किसी को दिखाई नहीं देते। ये द्वार सोने, चांदी, तांबे और लोहे के बने हुए हैं। यमराज के फैसले के बाद यमदूत आत्माओं को उनके कर्मों के हिसाब से इन्हीं 4 में से किसी एक द्वार से स्वर्ग या नर्क ले जाते हैं। खास बात ये हैं कि गरुड़ पुराण में भी यमराज की सभा में चार दिशाओं में चार द्वार होने का वर्णन मिलता है।

कैसे पहुचें?

– भरमौर से सबसे निकट हवाई अड्डा 203 किलोमीटर दूर कांगड़ा में स्थित है। यहाँ से भरमौर के लिए बस या टैक्सी ली जा सकती है।
– भरमौर से निकटतम रेलवे स्टेशन 180 किलोमीटर दूर पठानकोट में है जहाँ से बस या टैक्सी द्वारा यहां आसानी से पहुँचा जा सकता है।
– भरमौर और चंबा के बीच की दूरी 60 किलोमीटर है। चंबा देश के सभी प्रमुख मार्गों से जुड़ा हुआ है। चंबा से भरमौर आसान से पहुंचा जा सकता है।

Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।


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