लेकिन टीम सिलेक्शन को देखकर अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या अनुभवी खिलाड़ी अपनी उम्र और गिरते प्रदर्शन के बावजूद टीम में बने हुए हैं? जब तक ये खिलाड़ी टीम में रहेंगे, तब तक युवा खिलाड़ियों को मौका मिलना मुश्किल है।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
Team India में प्रदर्शन से ज्यादा भरोसा नाम पर?
टीम इंडिया (Team India) में पिछले कुछ समय से दो ऐसे अनुभवी खिलाड़ी लगातार टीम का हिस्सा बने हुए हैं, जिनका प्रदर्शन अब उनके नाम के अनुरूप नहीं रहा है, और अब रोहित और विराट के संन्यास के बाद फैंस इन दोनों के भी संन्यास की मांग कर रहे हैं.
इनमें से टीम इंडिया (Team India) के एक खिलाड़ी हैं ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja), जिन्होंने भारत के लिए 80 टेस्ट मैचों में 3370 रन और 323 विकेट लिए हैं। हालांकि पिछले दो वर्षों में उन्होंने 13 टेस्ट में केवल 566 रन बनाए हैं।
जडेजा की गेंदबाजी में भी पहले जैसी धार नजर नहीं आई है। औसत 28 के आसपास रही है, जो उनके करियर आंकड़ों से काफी नीचे है। न तो वह लगातार विकेट निकाल पा रहे हैं और न ही दबाव बनाने में पहले जैसी प्रभावशीलता दिखा पा रहे हैं।
बल्लेबाजी में लगातार फेल हो रहा ये अनुभवी बल्लेबाज
दूसरे खिलाड़ी केएल राहुल हैं, जो टीम के टॉप ऑर्डर का हिस्सा रहे हैं, उन्होंने 58 टेस्ट मैचों में 3257 रन बनाए हैं, जिसमें 8 शतक और 17 अर्धशतक शामिल हैं। लंबे करियर के बावजूद वे अब तक टेस्ट क्रिकेट में स्थिरता और निरंतरता नहीं दिखा पाए हैं।
लेकिन पिछले दो सालों की बात करें तो उन्होंने 10 टेस्ट में मात्र 510 रन बनाए हैं। राहुल का औसत 28 रहा है और वे सिर्फ 4 अर्धशतक ही बना पाए हैं। उनका आखिरी शतक 2023 में आया था, उसके बाद से बल्ला शांत ही रहा है।
क्या अब वक्त आ गया है संन्यास का?
जब प्रदर्शन लगातार गिर रहा हो और नई प्रतिभाएं दरवाजा खटखटा रही हों, तब अब विराट और रोहित की तरह ही इन खिलाड़ियों को खुद ही सम्मानपूर्वक संन्यास की घोषणा कर देनी चाहिए, क्योंकि टीम को आगे ले जाने के लिए भी अब नई ऊर्जा और ताजगी की जरूरत है।

