11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा को लेकर अंतरराज्यीय समन्वय समिति की अहम बैठक हुई, जिसमें छह राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में यात्रा को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए गए.

Spread the love

सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह रहा कि कांवड़ की अधिकतम ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होगी और इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा.

हुड़दंग, ऊंची कांवड़ और मांस-मदिरा पर पाबंदी

हरिद्वार मेला नियंत्रण कक्ष में उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि यात्रा मार्गों पर अफवाहों से बचने के लिए रियल टाइम जानकारी साझा की जाएगी. साथ ही, कांवड़ यात्रियों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसकी गाइडलाइन यात्रा मार्गों पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाएगी. यात्रा के दौरान मांस-मदिरा की बिक्री पर सख्ती से रोक रहेगी और एसओपी का कड़ाई से पालन होगा.

क्या बोले उत्तराखंड के मुख्य सचिव?

मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कहा, ‘कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सभी राज्यों के बीच रियल टाइम डेटा और सूचना का आदान-प्रदान किया जाए, ताकि आपात स्थिति में तत्काल समन्वय हो सके.’

कौन-कौन रहे बैठक में मौजूद?

बैठक में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. इन अधिकारियों ने यात्रा मार्गों, यातायात नियंत्रण, पार्किंग और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था पर गहन चर्चा की.

यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन

कांवड़ की ऊंचाई 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए.

मांस और शराब की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध रहेगा.

यात्रा मार्गों पर ‘क्या करें-क्या न करें’ की सूची प्रदर्शित की जाएगी.

कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए ढाबों व होटलों में रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य होगा.

तेज आवाज में म्यूजिक बजाने वाले वाहनों पर पहले से सूचना देकर प्रतिबंध लगाया जाएगा.

रियल टाइम मॉनिटरिंग और भीड़ नियंत्रण

उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि सभी राज्यों के बीच रियल टाइम सूचनाएं साझा की जाएंगी ताकि सुरक्षा से जुड़ी कोई चूक न हो. यात्रियों की संख्या, वाहनों की आवाजाही और भीड़ नियंत्रण की रणनीति पर पहले से तैयारी की जा रही है.

दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर विशेष योजना

बैठक में विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर यातायात व्यवस्था और डाक कांवड़ की भीड़ को लेकर एक विस्तृत रणनीति बनाई गई है. वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में सुगमता बनी रहे.


Spread the love